भारत सरकार ने यूपी में तराई हाथी अभ्यारण्य (Terai Elephant Reserve) की स्थापना को मंजूरी दी

भारत सरकार ने उत्तर प्रदेश में तराई हाथी अभ्यारण्य की स्थापना को मंजूरी दी।

तराई हाथी अभ्यारण्य (Terai Elephant Reserve)

तराई हाथी अभ्यारण्य उत्तर प्रदेश के दुधवा-पीलीभीत में स्थापित किया जाएगा। यह 3,049 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला होगा। यह भारत में स्थापित होने वाला 33वां हाथी अभ्यारण्य होगा। यह दुधवा और पीलीभीत टाइगर रिजर्व के संयुक्त वन क्षेत्रों में होगा जो बाघ, एशियाई हाथी, दलदल हिरण और एक सींग वाले गैंडे के संरक्षण में शामिल हैं। यह Project Elephant के तहत पिछले तीन महीनों में केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से अनुमोदन प्राप्त करने वाला तीसरा हाथी रिजर्व है, अन्य दो छत्तीसगढ़ में लेमरू और तमिलनाडु में अगस्त्यमलाई हैं।

तराई हाथी अभ्यारण्य महत्वपूर्ण क्यों है?

इस नए हाथी अभ्यारण्य की स्थापना से हाथियों की आबादी के सीमा पार प्रवास को संरक्षित करने में मदद मिलेगी। यह उत्तर प्रदेश के भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र में पड़ोसी गांवों की रक्षा करने में मदद करेगा। यह दुधवा और पीलीभीत टाइगर रिजर्व में घास के मैदान और हाथी गलियारे के प्रबंधन में भी मदद करेगा।

प्रोजेक्ट एलीफैंट क्या है?

जंगली एशियाई हाथियों की मुक्त आबादी की सुरक्षा के लिए राज्यों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए 1992 में केंद्र सरकार द्वारा ‘प्रोजेक्ट एलीफैंट’ शुरू किया गया था। इस केंद्र प्रायोजित योजना का उद्देश्य एशियाई हाथियों को उनके प्राकृतिक आवासों, और प्रवास गलियारों की रक्षा करके उनके प्राकृतिक आवासों में लंबे समय तक जीवित रहना सुनिश्चित करना है।

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