Global Report on Health Equity for Persons with Disabilities जारी की गई

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा 2 दिसंबर को ‘Global report on health equity for persons with disabilities’ जारी की गई। इसे अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग जन दिवस (3 दिसंबर) से पहले जारी किया गया था।

रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष

  • दिव्यांग व्यक्तियों को समाज में दूसरों की तुलना में समय से पहले मृत्यु और बीमारी का अधिक खतरा होता है।
  • व्यवस्थित और लगातार स्वास्थ्य असमानताओं के कारण, दिव्यांग लोगों को अन्य लोगों की तुलना में 20 साल पहले मरने का अधिक जोखिम होता है।
  • उन्हें अस्थमा, अवसाद, मधुमेह, मोटापा, मौखिक रोग और स्ट्रोक जैसी स्थितियों के विकसित होने का दोगुना जोखिम है।
  • दिव्यांग लोगों और अन्य लोगों के बीच स्वास्थ्य परिणामों में अंतर अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थिति या हानि के कारण नहीं है बल्कि परिहार्य, अनुचित और अन्यायपूर्ण कारकों के कारण है।
  • वर्तमान में, दुनिया भर में छह में से एक व्यक्ति (1.3 बिलियन) में महत्वपूर्ण विकलांगता (significant disabilities) है। यह आंकड़ा एक समावेशी समाज बनाने के महत्व को दर्शाता है जो सभी पहलुओं में दिव्यांग लोगों की जरूरतों का समर्थन करता है।
  • इस रिपोर्ट में अनुचित और अन्यायपूर्ण परिस्थितियों से उत्पन्न महत्वपूर्ण स्वास्थ्य असमानताओं को दूर करने के लिए तत्काल कार्रवाई के महत्व पर प्रकाश डाला गया है।
  • इसने कई कारकों की पहचान की जो स्वास्थ्य परिणामों में अंतर के लिए योगदान करते हैं। इसमे शामिल है:
  1. स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं का अनुचित रवैया
  2. स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी जानकारी के उचित प्रारूप का आभाव
  3. भौतिक बाधाएँ, परिवहन की कमी या वित्तीय बाधाएँ स्वास्थ्य सुविधाओं को दुर्गम बनाती हैं
  • इन कारकों को संबोधित करना मुश्किल हो सकता है क्योंकि अनुमानित 80 प्रतिशत दिव्यांग जन कम और मध्यम आय वाले देशों में रहते हैं जहां सीमित संसाधन और सुविधाएं हैं।
  • इस रिपोर्ट में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को अधिक समावेशी बनाने के लिए सरकार द्वारा लागू किए जा सकने वाले 40 कदमों की सिफारिश की गई है। यह नवीनतम शैक्षणिक अध्ययनों और देशों और नागरिक समाज के साथ परामर्श द्वारा प्रदान किए गए साक्ष्यों पर आधारित है। 

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