एंजेल टैक्स (Angel Tax) क्या है?
इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 56 (2) (vii b) को एंजेल टैक्स (Angel Tax) कहा जाता है। ये टैक्स स्टार्टअप्स पर लगाए जाते हैं। मान लीजिये कि एक स्टार्टअप SSS एक व्यक्ति X को एक लाख शेयर बेचता है। एक शेयर की बिक्री कीमत 5000 रुपये है। अब SSS को 50 करोड़ प्राप्त होते हैं। मान लीजिये कि शेयर का वास्तविक बाजार मूल्य 2000 रुपये प्रति शेयर है। तो 20 करोड़ रुपये वास्तविक बाजार मूल्य है। SSS ने 30 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया। तो SSS को 30 करोड़ रुपये पर एंजेल टैक्स देना होगा!
एंजेल टैक्स ख़बरों में क्यों है?
केंद्रीय बजट 2023 के दौरान, वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने एंजेल टैक्स में संशोधन का प्रस्ताव रखा। अब, स्टार्टअप्स द्वारा प्राप्त की जाने वाली इक्विटी राशि आयकर के अधीन होगी, न कि एंजल टैक्स के अधीन। मतलब, पूरे 50 करोड़ रुपये, यानी स्टार्टअप को शेयर बेचकर मिलने वाली कुल रकम पर इनकम टैक्स लगता है! इससे पहले, केवल 30 करोड़ रुपये ही करों के अधीन थे।
बदलाव के बारे में स्टार्टअप क्या कह रहे हैं?
इस कदम से स्टार्टअप निराश हैं। स्टार्टअप्स के ज्यादातर निवेशक यानी शेयर खरीददार विदेशों के हैं। पहले से ही स्टार्टअप निवेश घट रहा है। 2022 में, यह 33% तक गिर गया। एंजेल टैक्स में नया बदलाव स्टार्टअप निवेश को और प्रभावित करने वाला है।
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