भारत का पहला हाइड्रोजन इंटरनल कम्बशन इंजन (H2-ICE) ट्रक पेश किया गया

H2-ICE में ICE का मतलब Internal Combustion Engine (आंतरिक दहन इंजन) है। इसे रिलायंस ने अशोक लेलैंड के साथ साझेदारी में विकसित किया था। H2-ICE ट्रक भारत में हाइड्रोजन द्वारा संचालित होने वाला अपनी तरह का पहला ट्रक है। इस ट्रक के उत्पादन की लागत अधिक थी। हालांकि, यह ट्रक शून्य कार्बन का उत्सर्जन करता है। यह पूरी तरह स्वच्छ है।

दहन का सिद्धांत (Principle of Combustion)

H2-ICE में दहन सिद्धांत इस प्रकार है:

2H2 + O2 → 2H2O

दो हाइड्रोजन परमाणु एक ऑक्सीजन परमाणु के साथ मिलकर पानी बनाते हैं। इस प्रतिक्रिया के दौरान निकलने वाली ऊष्मा ऊर्जा का उपयोग स्पार्क प्लग को प्रज्वलित करने के लिए किया जाता है।

क्या H2-ICE पूरी तरह से उत्सर्जन मुक्त है?

हां और नहीं। यह कार्बन उत्सर्जन नहीं करता है। हालांकि, यह नाइट्रोजन ऑक्साइड पैदा करता है। कुछ देश नाइट्रोजन ऑक्साइड को प्रदूषक के रूप में अनदेखा कर देते हैं यदि वे कम मात्रा में जारी किए जाते हैं। H2-ICE नाइट्रोजन ऑक्साइड का उत्पादन तभी करता है जब वायुमंडलीय हाइड्रोजन का उपयोग किया जाता है। भारत ने अपनी प्रदूषक सूची में नाइट्रोजन ऑक्साइड को शामिल किया है। H2-ICE में कोई सल्फर ऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, पार्टिकुलेट मैटर या हाइड्रो कार्बन उत्सर्जन नहीं है।

इतिहास

पहला H2-ICE फ्रेंकोइस इसाक डी रिवाज द्वारा 1806 में बनाया गया था। यह हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के मिश्रण पर चलता था।

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