Millet International Initiative for Research and Awareness क्या है?
भारत सरकार अनुसंधान और जागरूकता के लिए मोटे अनाज की अंतर्राष्ट्रीय पहल (Millet International Initiative for Research and Awareness) शुरू करने जा रही है। यह मोटे अनाज के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष (International Year of Millets) के लिए संयुक्त राष्ट्र की योजनाओं के अनुरूप है। भारत ने इस पहल में “सीड मनी” की अवधारणा पेश की है। इस पहल के तहत मोटे अनाज पर अनुसंधान गतिविधियों और उनकी उत्पादकता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। हैदराबाद में स्थित भारतीय मोटा अनाज अनुसंधान संस्थान इस पहल को तकनीकी सहायता प्रदान करेगा।
उद्देश्य
- मोटे अनाज अनुसंधान कार्यक्रम का समन्वय करना
- विभिन्न देशों को शामिल करना और अनुसंधान गतिविधियों के कौशल को बढ़ाना
- दुनिया में मोटे अनाज की खपत बढ़ाना
- मोटे अनाज के अनुसंधान में निवेश को बढ़ाना
सीड मनी क्या है?
प्रत्येक G20 सदस्य को पहल में शामिल होने के लिए सदस्यता शुल्क का भुगतान करना पड़ता है। खाद्य सुरक्षा G20 की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस शुल्क का उपयोग दुनिया के विभिन्न हिस्सों में पहल को लागू करने में किया जाएगा।
पृष्ठभूमि
भारत के आग्रह के साथ, संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को मोटे अनाज का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष घोषित किया। इससे भारत सरकार को देश को “मोटे अनाज के लिए वैश्विक हब” बनाने के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। भारत दुनिया के मोटे अनाज का पांचवां हिस्सा पैदा करता है।
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