UIDAI ने आधार बेस्ड फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण का नया फीचर पेश किया
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने हाल ही में आधार-बेस्ड फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण के लिए एक नया सुरक्षा तंत्र शुरू किया है। इसका उद्देश्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग क्षमताओं का उपयोग करके स्पूफिंग प्रयासों का तेजी से पता लगाना सुनिश्चित करना है। कैप्चर किए गए फ़िंगरप्रिंट की सजीवता की जांच करने के लिए नया तंत्र फ़िंगर मिन्यूटिया और फ़िंगर इमेज दोनों के संयोजन का उपयोग करता है। यह सिस्टम की सुरक्षा को और बढ़ाते हुए, दो-कारक/परत प्रमाणीकरण पेश करेगा।
UIDAI क्या है?
UIDAI एक वैधानिक निकाय है जिसे भारत सरकार द्वारा जनवरी 2009 में स्थापित किया गया था। यह इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तत्वावधान में आता है। यह आधार (वित्तीय और अन्य सब्सिडी, लाभ और सेवाओं का लक्षित वितरण) अधिनियम, 2016 के प्रावधानों के आधार पर कार्य करता है।
परत प्रमाणीकरण क्या है?
यह एक सूचना सुरक्षा प्रबंधन तकनीक है। यहां एक से अधिक प्रमाणीकरण प्रक्रिया का उपयोग करके व्यक्ति की पहचान सत्यापित की जाती है। परत प्रमाणीकरण के विभिन्न प्रकार हैं। UIDAI 2-फैक्टर ऑथेंटिकेशन को अपना रहा है।
UIDAI के उद्देश्य क्या हैं?
UIDAI का उद्देश्य कुशल और पारदर्शी शासन प्रदान करना है। यह केंद्र सरकार को आधार संख्या जारी करने के लिए नीतियां विकसित करने में मदद करता है। यह आधार अधिनियम के अनुसार नियम और विनियम बनाता है।
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