बठिंडा किला (Bathinda Fort) : मुख्य बिंदु

भारत विविध सांस्कृतिक विरासत का देश है, जहां अतीत के अवशेष अभी भी गौरवशाली हैं और देश के समृद्ध इतिहास की गवाही देते हैं। ऐसी ही एक प्रतिष्ठित संरचना पंजाब में बठिंडा किला है, जिसे देश का सबसे पुराना जीवित किला माना जाता है। यह किला, जो 1,600 साल पुराना है, वर्तमान में भविष्य की पीढ़ियों के लिए अपनी विरासत को संरक्षित करने के लिए मरम्मत और बहाली के दौर से गुजर रहा है।

बठिंडा किले का इतिहास

बठिंडा किले का एक समृद्ध इतिहास है। माना जाता है कि इस किले का निर्माण छठी शताब्दी के दौरान भट्टी राजपूत शासकों द्वारा किया गया था। किले ने कई शासकों और साम्राज्यों को आते-जाते देखा है, जिनमें गुप्त, हूण, मुगल और ब्रिटिश शामिल थे, जिनमें से प्रत्येक ने इस संरचना पर अपनी छाप छोड़ी। मिट्टी की ईंटों से बनी किले की दीवारें 10 से 12 फीट मोटी हैं, जिसके परिसर में कई बुर्ज फैले हुए हैं। किले में लगभग 6 एकड़ का क्षेत्र शामिल है, और इसके मुख्य प्रवेश द्वार को दिल्ली गेट कहा जाता है।

किले द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियाँ

बठिंडा किले ने पिछले कुछ वर्षों में कई चुनौतियों का सामना किया है। इसकी उम्र के कारण, हाल के वर्षों में कई गढ़ ढह गए हैं, जिससे समग्र संरचना की स्थिरता को खतरा पैदा हो गया है। इसके अतिरिक्त, कोविड-19 महामारी ने मरम्मत कार्य को दो साल के लिए रोक दिया, जिससे किले की दीवारों और संरचनाओं को और नुकसान हुआ।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा बहाली के प्रयास

किले की विरासत को संरक्षित करने के लिए, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India – ASI) ने संरचना को बहाल करने और मरम्मत करने का काम किया है। किले के मूल चरित्र को बनाए रखने के लिए पारंपरिक निर्माण तकनीकों का उपयोग करते हुए, 30 से 40 विशेषज्ञों की एक टीम वर्तमान में परियोजना पर काम कर रही है। ASI ने यह भी सुनिश्चित किया है कि मरम्मत कार्य किले की मूल संरचना को नुकसान न पहुंचाए या पर्यावरण को कोई नुकसान न पहुंचाए।

बठिंडा किला: एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल

बठिंडा किला एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जहां प्रतिदिन 4,000 से 5,000 से अधिक आगंतुक आते हैं। गुरु गोबिंद सिंह की यात्रा के उपलक्ष्य में 19वीं शताब्दी की शुरुआत में बनाया गया गुरुद्वारा किला मुबारक भी किले के परिसर के भीतर स्थित है, जो इसके धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को जोड़ता है

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