रक्षा मंत्रालय ने 5,400 करोड़ रुपये के रक्षा अनुबंध की घोषणा की

भारत के रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में 29 मार्च, 2023 को भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (Bharat Electronics Limited – BEL) और न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) के साथ तीन रक्षा अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए हैं। इन तीनों अनुबंधों की कुल लागत लगभग 5,400 करोड़ रुपये है। यह निर्णय भारत के सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण का समर्थन करने और उन्हें अधिक आत्मनिर्भर बनाने के लिए लिया गया है।

प्रोजेक्ट आकाशतीर (Project Akashteer)

BEL के साथ अनुबंधित पहली परियोजना प्रोजेक्ट आकाशतीर है, जिसकी लागत 1,982 करोड़ रुपये है। इस परियोजना का लक्ष्य भारतीय सेना की वायु रक्षा इकाइयों को स्वदेशी, अत्याधुनिक क्षमताओं के साथ सशक्त बनाना है। भारतीय सेना इस परियोजना का प्राथमिक लाभार्थी होगी, जो उनकी वायु रक्षा क्षमताओं को बढ़ाएगी और उन्हें एकीकृत तरीके से संचालित करने में सक्षम बनाएगी। यह परियोजना विदेशी प्रौद्योगिकियों पर भारत की निर्भरता को कम करने में मदद करेगी, जिससे यह और अधिक आत्मनिर्भर होगा।

सारंग इलेक्ट्रॉनिक सपोर्ट मेज़र (ESM) सिस्टम

BEL के साथ अनुबंधित दूसरी परियोजना सारंग इलेक्ट्रॉनिक सपोर्ट मेज़र (Sarang Electronic Support Measure – ESM) सिस्टम है, जिसकी लागत 412 करोड़ रुपये है। इस परियोजना का उद्देश्य भारतीय नौसेना के हेलीकाप्टरों के लिए उन्नत इलेक्ट्रॉनिक समर्थन उपाय प्रणाली प्रदान करना है। इस परियोजना से भारतीय नौसेना की क्षमताओं को महत्वपूर्ण बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जिससे वे अधिक दक्षता के साथ टोही, निगरानी और अन्य संचालन करने में सक्षम होंगे।

GSAT 7B

रक्षा मंत्रालय द्वारा अनुबंधित तीसरी परियोजना एक उन्नत संचार उपग्रह है, जिसका नाम GSAT 7B है। 2,963 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना के लिए न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) से अनुबंध किया गया है। यह संचार उपग्रह भारत के सशस्त्र बलों को संवर्धित संचार क्षमता प्रदान करेगा, जो उन्हें महत्वपूर्ण कार्यों में मदद करेगा।

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