PTP-NER Scheme क्या है?
जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने हाल ही में मणिपुर में उत्तर-पूर्वी क्षेत्र से जनजातीय उत्पादों के प्रचार की योजना (Promotion of Tribal Products from North-Eastern Region (PTP-NER) के लिए विपणन और रसद विकास (Marketing and Logistics Development) शुरू किया है। इस महत्वाकांक्षी योजना का उद्देश्य पूर्वोत्तर क्षेत्र से जनजातीय उत्पादों की खरीद, लॉजिस्टिक्स और विपणन दक्षता को बढ़ाना और जनजातीय कारीगरों की आजीविका के अवसरों को मजबूत करना है।
PTP-NER योजना: जनजातीय उत्पादों की खरीद, लॉजिस्टिक्स और विपणन क्षमता को बढ़ाना
PTP-NER योजना का अर्थ Promotion of Tribal Products from North-Eastern Region है, यह जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा शुरू की गई एक प्रमुख पहल है। यह योजना आदिवासी कारीगरों को सहायता प्रदान करके और बाजार में उनके उत्पादों को बढ़ावा देकर पूर्वोत्तर क्षेत्र की जनजातीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
प्रयोज्यता और कवरेज
PTP-NER योजना पूर्वोत्तर क्षेत्र के 8 राज्यों यानी अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम में लागू की जाएगी। ये राज्य समृद्ध पारंपरिक शिल्प कौशल और अद्वितीय उत्पादों के साथ कई जनजातीय समुदायों का घर हैं। इस योजना का उद्देश्य इन आदिवासी कारीगरों को अपने कौशल और उत्पादों को व्यापक दर्शकों के सामने प्रदर्शित करने के लिए समर्थन और अवसर प्रदान करना है।
जनजातीय कारीगर मेला (Tribal Artisan Melas)
PTP-NER योजना के हिस्से के रूप में, सरकार की उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के विभिन्न जिलों में 68 जनजातीय कारीगर मेले आयोजित करने की योजना है। ये मेले आदिवासी कारीगरों के लिए अपने उत्पादों और कौशल का प्रदर्शन करने के लिए एक मंच के रूप में काम करेंगे। इससे न केवल उनके उत्पादों को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी, बल्कि जनजातीय कारीगरों और बाजार के बीच सीधा संबंध भी बनेगा, जिससे उनकी विपणन दक्षता में वृद्धि होगी।
PTP-NER योजना का उद्देश्य और लाभ
इस योजना का मुख्य लक्ष्य उत्तर-पूर्वी राज्यों के आदिवासी कारीगरों के उत्पादों को बढ़ावा देकर उनके रोजगार के अवसरों को मजबूत करना है। खरीद, लॉजिस्टिक्स और विपणन के लिए सहायता प्रदान करके, इस योजना का उद्देश्य जनजातीय उत्पादों की मूल्य श्रृंखला की समग्र दक्षता में सुधार करना और जनजातीय समुदायों के लिए स्थायी आजीविका बनाना है। इससे न केवल जनजातीय कारीगरों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार होगा बल्कि जनजातीय कला और संस्कृति को संरक्षित और बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी।
जनजातीय कारीगरों के लिए PTP-NER योजना का महत्व
PTP-NER योजना आदिवासी कारीगरों के लिए अत्यधिक महत्व रखती है क्योंकि यह उन्हें बाजार में अपने उत्पादों और कौशल को प्रदर्शित करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करती है। इससे जनजातीय उत्पादों की व्यापक मांग सृजित करने में मदद मिलेगी, जिससे जनजातीय कारीगरों की आय और आजीविका के अवसरों में वृद्धि होगी। इस योजना का उद्देश्य आदिवासी समुदायों की समृद्ध पारंपरिक शिल्प कौशल और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देना और संरक्षित करना है, जिससे उनका सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण सुनिश्चित हो सके।
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