100 फूड स्ट्रीट्स (Food Streets) विकसित करेगी भारत सरकार
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के सहयोग से देश भर के 100 जिलों में 100 फूड स्ट्रीट्स (food streets) विकसित करने के लिए एक अनूठी पहल शुरू की है। इस पायलट परियोजना का उद्देश्य खाद्य जनित बीमारियों (food-borne illnesses) को कम करने और नागरिकों के समग्र स्वास्थ्य परिणामों में सुधार के लिए सुरक्षित और स्वस्थ प्रथाओं को बढ़ावा देना है। इस पहल का उद्देश्य अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना, स्थानीय रोजगार के अवसर पैदा करना और पर्यटन क्षमता को बढ़ाना भी है।
कार्यान्वयन और वित्तीय सहायता
आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के अभिसरण में और भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) से तकनीकी सहायता के साथ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के माध्यम से फूड स्ट्रीट पहल को लागू किया जाएगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत, भारत में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को प्रत्येक फूड स्ट्रीट या जिले के लिए ₹1 करोड़ की वित्तीय सहायता प्राप्त होगी। वित्तीय सहायता का अनुपात या तो 60:40 या 90:10 होगा, इस आवश्यकता के साथ कि फूड स्ट्रीट मानक ब्रांडिंग के लिए FSSAI के दिशानिर्देशों का पालन करें। FSSAI इस परियोजना के कार्यान्वयन की देखरेख करेगा और तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। यह सुनिश्चित करता है कि फूड स्ट्रीट स्वच्छता और सुरक्षा के उच्चतम मानकों को बनाए रखें।
पहल का उद्देश्य और लाभ
फूड स्ट्रीट पहल का उद्देश्य खाद्य जनित बीमारियों को कम करने और समग्र स्वास्थ्य परिणामों में सुधार के लिए सुरक्षित और स्वस्थ प्रथाओं को बढ़ावा देना है। सुरक्षित और स्वच्छ भोजन तक आसान पहुंच प्रदान करके, इस पहल का उद्देश्य नागरिकों को स्वस्थ भोजन विकल्प चुनने के लिए प्रोत्साहित करना है। सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार के अलावा, इस पहल के कई अन्य लाभ भी हैं। यह स्थानीय रोजगार के अवसर पैदा करके और पर्यटन क्षमता को बढ़ाकर अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगी। इसके अलावा, यह स्थानीय खाद्य व्यवसायों की स्वच्छता विश्वसनीयता में सुधार करेगी, जिससे “eat right campaign” और खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा।
परियोजना से जुड़ी अन्य पहलें
वित्तीय सहायता के अलावा, फूड स्ट्रीट पहल में अन्य महत्वपूर्ण पहलें भी शामिल हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस परियोजना के सुचारू कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाने के लिए नगर निगमों और जिला कलेक्टरों को वित्तीय संसाधनों और भौतिक बुनियादी ढांचे को संरेखित करने के प्रयासों का नेतृत्व करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा, कई गतिविधियां जैसे फूड हैंडलर्स का प्रशिक्षण, थर्ड-पार्टी ऑडिट, ईट राइट स्ट्रीट फूड हब का प्रमाणन और फूड स्ट्रीट्स के आधुनिकीकरण के लिए एक मानक प्रोटोकॉल की स्थापना की जाएगी। इन उपायों से फूड स्ट्रीट्स की सुरक्षा और स्वच्छता मानकों में सुधार होगा।
स्ट्रीट वेंडर्स के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास खाद्य सुरक्षा, स्वच्छता के रखरखाव और अपशिष्ट निपटान पर स्ट्रीट वेंडर्स के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने का अवसर है। इससे स्ट्रीट वेंडर्स को अपने खाद्य कारोबार में सुरक्षित और साफ-सुथरी प्रथाओं को अपनाने में मदद मिलेगी, जिससे फूड स्ट्रीट पहल की समग्र सफलता में योगदान मिलेगा।
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