उत्तर प्रदेश ने 5G टेक्नोलॉजी ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किया
उत्तर प्रदेश सरकार अपने कौशल विकास मिशन के तहत 5G प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करके कौशल विकास के अवसरों को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। इस पहल का उद्देश्य दूरसंचार क्षेत्र और भविष्य की अर्थव्यवस्था को आकार देने में 5G तकनीक के महत्व को पहचानते हुए युवाओं को नई और भविष्य की रोजगार योग्य तकनीकों में आवश्यक कौशल से लैस करना है।
युवाओं को सशक्त बनाना: 5G प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य
5G प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण कार्यक्रम का प्राथमिक लक्ष्य युवाओं को नवीनतम तकनीकों में कुशल बनाना है जिसकी भविष्य के नौकरी बाजार में उच्च मांग होगी। यह कार्यक्रम 5G महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करता है कि 5जी तकनीक हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और सेवाओं सहित दूरसंचार पारिस्थितिकी तंत्र को बदलने में निभाएगी। इसे भविष्य की तकनीक के रूप में देखा जाता है, जिसमें इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) से लेकर मशीन-टू-मशीन संचार और एज कंप्यूटिंग तक के अनुप्रयोग शामिल हैं।
लक्षित प्रशिक्षण और नौकरी के अवसर
इस कार्यक्रम के तहत, उत्तर प्रदेश सरकार का लक्ष्य 1,000 उम्मीदवारों को प्रशिक्षित करना और नौकरी प्रदान करना है। यह पहल शुरू में पांच जिलों लखनऊ, कानपुर, गौतम बुद्ध नगर, मुरादाबाद, आगरा, गोरखपुर, वाराणसी और प्रयागराज में शुरू की जाएगी। प्रशिक्षण कार्यक्रम की अधिकतम पहुंच और प्रभाव सुनिश्चित करने के लिए इन जिलों को रणनीतिक रूप से चुना गया है।
कौशल विकास के लिए पेश किए जाने वाले पाठ्यक्रम
5G प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण कार्यक्रम उम्मीदवारों को आवश्यक ज्ञान और कौशल से लैस करने के लिए तीन पाठ्यक्रम प्रदान करता है। इन पाठ्यक्रमों में टेलीकॉम रिगर – 5G और लीगेसी नेटवर्क, तकनीशियन 5G – एक्टिव नेटवर्क इंस्टालेशन, और प्रोजेक्ट इंजीनियर – 5G नेटवर्क शामिल हैं। प्रत्येक पाठ्यक्रम 5G प्रौद्योगिकी के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करता है, विभिन्न नौकरी भूमिकाओं और आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विशेष प्रशिक्षण प्रदान करता है।
कौशल विकास में निवेश
उत्तर प्रदेश सरकार का अनुमान है कि टेलीकॉम रिगर-5जी और लिगेसी नेटवर्क कोर्स पर 80 लाख रुपये से अधिक खर्च किए जाएंगे। यह पर्याप्त निवेश उम्मीदवारों को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है। 570 घंटे तक चलने वाले टेक्नीशियन 5जी कोर्स पर कुल एक करोड़ से अधिक का खर्च आएगा, जिससे 360 अभ्यर्थी लाभान्वित होंगे। 660 घंटे के प्रशिक्षण वाले प्रोजेक्ट इंजीनियर कोर्स में 90 लाख रुपये से अधिक का निवेश प्राप्त होगा, जिससे 280 उम्मीदवार 5जी तकनीक में अपने कौशल को बढ़ाने में सक्षम होंगे।
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