दिल्ली के पुराना किला (Purana Qila) में प्राचीन कलाकृतियां मिली
दिल्ली का पुराना किला हाल ही में महत्वपूर्ण पुरातात्विक खोजों का स्थल रहा है, जो शहर के प्राचीन इतिहास पर प्रकाश डालता है। चल रही खुदाई से ऐतिहासिक कलाकृतियों के खजाने का पता चला है, जो इस क्षेत्र के निरंतर इतिहास में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।
प्राचीन कलाकृतियों की खोज
पुराना किला में हाल की खुदाई में कई उल्लेखनीय ऐतिहासिक कलाकृतियों का पता चला है। उनमें चित्रित धूसर मृदभांड मिट्टी के बर्तनों (Painted Gray Ware pottery) के टुकड़े हैं, जो आमतौर पर 1200 ईसा पूर्व और 600 ईसा पूर्व के बीच की अवधि के हैं। ये मिट्टी के बर्तन पूर्व-मौर्य युग की कलात्मक परंपराओं की झलक पेश करते हैं।
पुराना किला का महत्व
पुराना किला भारतीय पौराणिक कथाओं में अत्यधिक महत्व रखता है, कई लोग इसे महाभारत में वर्णित इंद्रप्रस्थ का पौराणिक शहर मानते हैं। इस किले का निर्माण मूल रूप से शेर शाह सूरी द्वारा किया गया था और बाद में मुगल सम्राट हुमायूं द्वारा इसका जीर्णोद्धार कराया गया था। इसके समृद्ध ऐतिहासिक और पौराणिक जुड़ाव इसे एक मनोरम पुरातात्विक स्थल बनाते हैं।
सांस्कृतिक स्तर और कालक्रम
पुराना किला में चल रही खुदाई का उद्देश्य विभिन्न ऐतिहासिक अवधियों का प्रतिनिधित्व करने वाले कई सांस्कृतिक स्तरों को उजागर करके साइट की पूरी कालक्रम स्थापित करना है। अब तक, नौ सांस्कृतिक स्तरों की पहचान की गई है, जिनमें पूर्व-मौर्य, मौर्य, शुंग, कुषाण, गुप्त, गुप्त-उत्तर, राजपूत, सल्तनत और मुगल काल शामिल हैं।
भविष्य की योजनाएं
एक बार उत्खनन पूरा हो जाने के बाद, निष्कर्ष इस वर्ष संकलित और प्रस्तुत किए जाएंगे। भविष्य की योजनाओं के हिस्से के रूप में, साइट को फिर से खोल दिया जाएगा और एक ओपन-एयर संग्रहालय में बदल दिया जाएगा, जहां उत्खनन अवशेषों को संरक्षित और प्रदर्शित किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य आगंतुकों को एक मनोरम अनुभव प्रदान करना है जो दिल्ली की समृद्ध ऐतिहासिक विरासत को जीवंत करता है।
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