लम्बानी कला (Lambani Art) के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया गया

भारत की G20 प्रेसीडेंसी ने हाल ही में एक नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित करके एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की। रिकॉर्ड तोड़ने वाले इस कार्यक्रम में भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने वाली लम्बानी वस्तुओं का सबसे बड़ा प्रदर्शन शामिल था। ऐतिहासिक शहर हम्पी में “Threads of Unity” शीर्षक वाली प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया।

मुख्य बिंदु

भारत की G20 प्रेसीडेंसी ने कुल 1755 लंबानी वस्तुओं का शानदार प्रदर्शन करके एक अमिट छाप छोड़ी, और गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में “लम्बानी वस्तुओं के सबसे बड़े प्रदर्शन” का प्रतिष्ठित खिताब हासिल किया। यह उपलब्धि न केवल भारतीय कला की विविधता को उजागर करती है बल्कि लम्बानी कारीगरों की प्रतिभा और शिल्प कौशल पर भी प्रकाश डालती है।

लम्बानी कारीगरों को सशक्त बनाना 

इस रिकॉर्ड तोड़ने वाले प्रयास की सफलता लम्बानी महिला कारीगरों और सांस्कृतिक अभ्यासकर्ताओं के समर्पण और कौशल के कारण है। संदुर कुशला कला केंद्र केंद्र से जुड़े 450 से अधिक प्रतिभाशाली व्यक्ति इन उत्कृष्ट लम्बानी वस्तुओं को बनाने के लिए एक साथ आए। उनकी भागीदारी इन कुशल कारीगरों को आजीविका और आर्थिक सशक्तिकरण प्रदान करने में लम्बानी कढ़ाई की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करती है। 

सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण: लम्बानी कढ़ाई 

लंबानी कढ़ाई एक जीवंत और जटिल कपड़ा अलंकरण है जिसमें रंगीन धागों, दर्पण के काम और उत्कृष्ट सिलाई पैटर्न की विशेषता है। मुख्य रूप से कर्नाटक राज्य में प्रचलित लम्बानी कढ़ाई भारत की सांस्कृतिक विरासत का एक जीवंत प्रमाण है। पूर्वी यूरोप, पश्चिम एशिया और मध्य एशिया में कपड़ा परंपराओं के साथ लम्बानी शिल्प का अंतर्संबंध खानाबदोश समुदायों की साझा कलात्मक संस्कृति और ऐतिहासिक प्रवासन को रेखांकित करता है। 

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