भारत के सरकारी संगठनों में बढ़ रहे हैं साइबर हमले : रिपोर्ट

आज के डिजिटल युग में साइबर सुरक्षा एक गंभीर चिंता का विषय बन गई है और भारत भी इसका अपवाद नहीं है। जैसे-जैसे प्रौद्योगिकी आगे बढ़ रही है और डिजिटल बुनियादी ढांचा अधिक प्रचलित हो रहा है, साइबर हमलों और घटनाओं की संख्या बढ़ रही है। हाल ही में, लोकसभा में डेटा प्रस्तुत किया गया, जिसमें सरकारी संगठनों और वित्तीय संस्थानों द्वारा सामना किए जाने वाले साइबर खतरों की सीमा पर प्रकाश डाला गया।

मुख्य बिंदु

लोकसभा में पेश आंकड़ों के मुताबिक, भारत में सरकारी संगठनों को इस साल जून तक 1,12,474 साइबर सुरक्षा घटनाओं का सामना करना पड़ा। यह देश में विभिन्न सरकारी संस्थाओं द्वारा सामना किए जाने वाले साइबर खतरों की गंभीरता को उजागर करता है।

वित्तीय संस्थान: एक प्रमुख लक्ष्य

वित्तीय संस्थान हमेशा से ही अपने पास मौजूद बहुमूल्य जानकारी और संपत्तियों के कारण साइबर हमलावरों का प्रमुख लक्ष्य रहे हैं। 2019 में, भारत में वित्तीय संस्थानों को बड़े पैमाने पर 7,00,548 साइबर सुरक्षा घटनाओं का सामना करना पड़ा, जो वित्तीय क्षेत्र के सामने आने वाले साइबर खतरों की गंभीरता को रेखांकित करता है।

वित्तीय संस्थानों के लिए चुनौतियाँ

पिछले कुछ वर्षों में वित्तीय संस्थानों के लिए चुनौतियाँ कम नहीं हुईं। जून 2023 तक, वित्तीय संस्थानों ने 4,29,847 साइबर सुरक्षा घटनाओं की सूचना दी, जो वित्तीय क्षेत्र के लिए साइबर खतरों की लगातार प्रकृति को दर्शाती है।

केंद्रीय मंत्रालय/विभाग और राज्य सरकार के संगठन

केवल वित्तीय संस्थान और सरकारी संगठन ही साइबर खतरों का सामना नहीं करते हैं। केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों और राज्य सरकार के संगठनों को इस साल जून तक कुल 36 घटनाओं का सामना करना पड़ा। पिछले वर्षों में, वर्ष 2019, 2020, 2021 और 2022 के लिए संख्याएँ क्रमशः 54, 59, 42 और 50 थीं।

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