इथियोपिया ने अमहारा क्षेत्र (Amhara Region) में आपातकाल की घोषणा की

इथियोपिया के अमहारा क्षेत्र में बढ़ती हिंसा के परिणामस्वरूप अराजकता की स्थिति पैदा हो गई है, जिसने फानो नामक एक स्थानीय जातीय मिलिशिया को राष्ट्रीय सेना के खिलाफ खड़ा कर दिया है। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि सार्वजनिक सुरक्षा के लिए बढ़ते खतरे और सशस्त्र चरमपंथी समूहों द्वारा की गई महत्वपूर्ण आर्थिक क्षति से निपटने के लिए मंत्रिपरिषद ने आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी है।

आपातकाल की घोषणा के कारण: हिंसा

अमहारा क्षेत्र में आपातकाल की घोषणा का प्राथमिक कारण स्थानीय जातीय मिलिशिया, फ़ानो और राष्ट्रीय सेना के बीच हिंसा में वृद्धि है। क्षेत्रीय सुरक्षा बलों को राष्ट्रीय सेना में एकीकृत करने की एक विवादित योजना पर झड़पें तेज हो गई हैं। पिछले साल, सरकार ने अमहारा मिलिशिया को दबाने का भी प्रयास किया, जिससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया। हिंसा के परिणामस्वरूप अज्ञात संख्या में लोग हताहत हुए हैं, जिससे गंभीर आर्थिक, सामाजिक और मानवीय क्षति हुई है, जिससे तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता उत्पन्न हुई है।

जातीय मिलिशिया: फ़ानो

अमहारा क्षेत्र में हिंसा के केंद्र में स्थानीय जातीय मिलिशिया है जिसे फानो के नाम से जाना जाता है। इस समूह ने, क्षेत्रीय सुरक्षा बलों के साथ, पड़ोसी टाइग्रे क्षेत्र के साथ दो साल तक चले गृहयुद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अमहारा आबादी फ़ानो और क्षेत्रीय सुरक्षा बलों को अपने हितों का रक्षक मानते हुए उनका समर्थन करती है। हालाँकि, इथियोपियाई सरकार इन समूहों को संवैधानिक व्यवस्था के लिए ख़तरे के रूप में देखती है और उनके प्रभाव को दबाने का लक्ष्य रखती है।

अमहारा क्षेत्र पर प्रभाव

जैसे-जैसे हिंसा बढ़ती जा रही है, अमहारा क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है। गोंदर और लालिबेला जैसे पर्यटन स्थलों के लिए उड़ानें रद्द कर दी गई हैं, जिससे क्षेत्र का पर्यटन उद्योग बाधित हो गया है। सरकारी अधिकारी कई कस्बों से भाग गए हैं, जिससे बिजली शून्य हो गई है और इंटरनेट काट दिया गया है, जिससे संचार और सूचना तक पहुंच प्रतिबंधित हो गई है। इसके अलावा, नागरिक क्षेत्रों में गोला-बारूद के उपयोग ने मानवीय संकट को बढ़ा दिया है।

अमहारा का भौगोलिक महत्व

अमहारा क्षेत्र इथियोपिया के लिए अत्यधिक भौगोलिक महत्व रखता है। यह ताना झील का घर है, जो इथियोपिया में पानी का सबसे बड़ा अंतर्देशीय निकाय और नील नदी का स्रोत है। इस क्षेत्र के ऊंचे इलाकों में इथियोपिया की कुल वार्षिक वर्षा का 80% प्राप्त होता है, जिससे यह देश का सबसे उपजाऊ क्षेत्र बन जाता है।

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