राजस्थान ने मुख्यमंत्री नि:शुल्क अन्नपूर्णा भोजन पैकेट योजना लॉन्च की

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्वतंत्रता दिवस पर मुख्यमंत्री नि:शुल्क अन्नपूर्णा भोजन पैकेट योजना की शुरुआत की। इस पहल के तहत, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के अंतर्गत आने वाले परिवारों को उचित मूल्य की दुकानों (FPS) से आवश्यक वस्तुओं वाले मासिक अन्नपूर्णा भोजन पैकेट मुफ्त में मिलेंगे। प्रत्येक पैकेट में चने की दाल, चीनी, आयोडीन युक्त नमक, सोयाबीन रिफाइंड खाद्य तेल, मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर और हल्दी पाउडर शामिल हैं।

यह योजना यह सुनिश्चित करने की सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप है कि कोई भी भूखा न रहे। लॉन्च विभिन्न स्थानों पर होगा, जिसमें जन प्रतिनिधि पॉइंट-ऑफ-सेल मशीनों के माध्यम से लाभार्थियों को पैकेट वितरित करेंगे। लगभग 4,500 करोड़ रुपये सालाना बजट वाली इस योजना का लक्ष्य बढ़ती महंगाई के बीच एक करोड़ से अधिक जरूरतमंद परिवारों को राहत प्रदान करना है।

मुख्यमंत्री नि:शुल्क अन्नपूर्णा भोजन पैकेट योजना क्या है?

मुख्यमंत्री नि:शुल्क अन्नपूर्णा खाद्य पैकेट योजना राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत आने वाले परिवारों को मुफ्त मासिक भोजन पैकेट प्रदान करने के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की एक पहल है। इन पैकेटों में चने की दाल, चीनी, नमक, खाद्य तेल जैसी आवश्यक वस्तुएं शामिल हैं। और विभिन्न मसाले।

योजना का लक्ष्य क्या है?

इस योजना का प्राथमिक उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि NFSA के अंतर्गत आने वाले परिवार भूखे न रहें। नियमित रूप से आवश्यक खाद्य सामग्री उपलब्ध कराकर, इसका उद्देश्य राजस्थान में जरूरतमंद परिवारों की खाद्य सुरक्षा संबंधी चिंताओं को कम करना है।

भोजन पैकेट का वितरण कैसे होगा?

वितरण उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से होगा। ये दुकानें जिला और ब्लॉक स्तर पर कियोस्क स्थापित करेंगी, जहां जन प्रतिनिधि लाभार्थियों को भोजन के पैकेट वितरित करने के लिए पॉइंट-ऑफ-सेल मशीनों का उपयोग करेंगे।

जरूरतमंद परिवारों पर योजना का अपेक्षित प्रभाव क्या है?

इस योजना से एक करोड़ से अधिक जरूरतमंद परिवारों को मुफ्त में आवश्यक खाद्य सामग्री उपलब्ध कराकर राहत मिलने की उम्मीद है। बढ़ती महंगाई के समय में, इस पहल का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करना है।

योजना को अब तक कैसी प्रतिक्रिया मिली है?

महंगाई राहत शिविरों के माध्यम से 1.04 करोड़ से अधिक लोग पहले ही इस योजना के लिए अपना पंजीकरण करा चुके हैं। यह प्रतिक्रिया जनता के बीच खाद्य सुरक्षा संबंधी चिंताओं को दूर करने में योजना के महत्व को दर्शाती है।

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