क्या भारत में ‘एक देश, एक चुनाव’ (One Nation, One Election) संभव है?
भारत सरकार ने देश भर में लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगर पालिकाओं और पंचायतों के लिए एक साथ चुनाव कराने की व्यवहार्यता की जांच करने के लिए पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय समिति की स्थापना की है। इस समिति में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी और प्रसिद्ध न्यायविद हरीश साल्वे जैसे सदस्य शामिल हैं। हालाँकि, अधीर रंजन चौधरी ने इसमें भाग लेने से इनकार कर दिया है।
इस समिति को एक साथ चुनावों के कानूनी और तार्किक पहलुओं की जांच करने का काम सौंपा गया है, जिसमें संभावित संवैधानिक संशोधन, राज्य अनुसमर्थन की आवश्यकता और त्रिशंकु सदन और दलबदल जैसे परिदृश्यों से निपटना शामिल है। यह एकल मतदाता सूची और मतदाता पहचान पत्र के उपयोग पर भी विचार करेगी।
भारत सरकार द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति का प्राथमिक उद्देश्य क्या है?
इस समिति का मुख्य उद्देश्य पूरे भारत में लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगर पालिकाओं और पंचायतों सहित सरकार के विभिन्न स्तरों के लिए एक साथ चुनाव कराने की संभावना तलाशना है।
एक साथ चुनाव कराने की अपनी खोज में समिति किन पहलुओं की जांच करेगी?
समिति संभावित संवैधानिक संशोधन, राज्य अनुसमर्थन, त्रिशंकु सदन जैसे परिदृश्य, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन जैसे लॉजिस्टिक्स और एकल मतदाता सूची के उपयोग सहित कानूनी और तार्किक पहलुओं का पता लगाएगी।
समिति के कार्य का अपेक्षित परिणाम क्या है और यह क्या सिफ़ारिशें प्रदान करेगी?
समिति एक साथ चुनावों की व्यवहार्यता, कानूनी ढांचे, लॉजिस्टिक्स और तौर-तरीकों पर सिफारिशें प्रदान करेगी, जिससे संभावित रूप से भारत में महत्वपूर्ण चुनाव सुधार हो सकेंगे।
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