15 सितंबर : इंजीनियर दिवस (Engineers Day)
सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया (Sir Mokshagundam Visvesvaraya) के जन्मदिन को चिह्नित करने के लिए 15 सितंबर को इंजीनियर्स दिवस मनाया गया।
सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का योगदान
- यह दिन इंजीनियरिंग और शिक्षा के क्षेत्र में सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के योगदान को चिह्नित करता है।
- विश्वेश्वरैया उच्च सिद्धांतों वाले व्यक्ति हैं।
- उन्होंने पूरे भारत में बांधों, जलाशयों और जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- उनकी उच्च वास्तुकार परियोजनाएं कर्नाटक में कृष्णा राजा सागर बांध और हैदराबाद में बाढ़ सुरक्षा प्रणाली हैं।
- उन्होंने 1903 में पुणे के खड़कवासला जलाशय में स्थापित ‘ऑटोमैटिक बैरियर वाटर फ्लडगेट्स’ भी डिजाइन किए थे।
इंजीनियर दिवस का इतिहास
भारत 1968 से 15 सितंबर को इंजीनियर दिवस मना रहा है। उनका जन्मदिन भारत, श्रीलंका और तंजानिया में इंजीनियर दिवस के रूप में मनाया जाता है।
सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया (Sir Mokshagundam Visvesvaraya)
उन्हें आमतौर पर सर एम.वी. के नाम से जाना जाता है। वह एक भारतीय सिविल इंजीनियर और राजनेता थे। उन्होंने 1912 से 1919 तक मैसूर के 19वें दीवान के रूप में कार्य किया। उन्होंने एशिया के तीसरे सबसे पुराने इंजीनियरिंग कॉलेज से अपनी डिग्री हासिल की, जिसे कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, पुणे कहा जाता है। उन्हें 1955 में भारत का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न भी मिला। किंग जॉर्ज पंचम ने जनता की भलाई के लिए उनके योगदान के लिए उन्हें ब्रिटिश भारतीय साम्राज्य (KCIE) के नाइट कमांडर के रूप में नाइट की उपाधि दी है।
विश्व इंजीनियरिंग दिवस (World Engineering Day)
विश्व इंजीनियर दिवस कई देशों में वर्ष की अलग-अलग तिथियों पर मनाया जाता है। वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ इंजीनियरिंग ऑर्गेनाइजेशन (WFEO) ने हालांकि 4 मार्च को ‘सतत विश्व के लिए विश्व इंजीनियरिंग दिवस’ के रूप में नामित किया है।
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