Interconnected Disaster Risks Report 2023 जारी की गई

United Nations University — Institute for Environment and Human Security (UNU-EHS)  द्वारा प्रकाशित एक हालिया रिपोर्ट ने भारत के घटते भूजल स्तर पर चिंता व्यक्त की है। ‘Interconnected Disaster Risks Report 2023’ भूजल की कमी सहित छह पर्यावरणीय टिपिंग बिंदुओं पर केंद्रित है, और दुनिया भर में गंभीर स्थिति का खुलासा करती है।

वैश्विक जलभृत रिक्तीकरण संकट

रिपोर्ट एक चिंताजनक प्रवृत्ति पर प्रकाश डालती है: दुनिया के 31 प्रमुख जलभृतों में से 27 प्राकृतिक रूप से फिर से भरने की तुलना में तेजी से कम हो रहे हैं। भूजल, भूमिगत जलभृतों में संग्रहित एक महत्वपूर्ण मीठे पानी का संसाधन है, जो दो अरब से अधिक लोगों के लिए पीने के पानी के स्रोत के रूप में कार्य करता है, जिसमें से 70% निकासी कृषि की ओर होती है। चौंकाने वाली बात यह है कि दुनिया के आधे से अधिक प्रमुख जलभृत अब अस्थिर गति से ख़त्म हो रहे हैं, और भूजल अनिवार्य रूप से एक गैर-नवीकरणीय संसाधन है।

भारत में भूजल संकट

भारत में स्थिति विशेष रूप से गंभीर है। रिपोर्ट बताती है कि पंजाब राज्य में 78% कुओं को अतिदोहित माना जाता है, और पूरे उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र को 2025 तक गंभीर रूप से कम भूजल उपलब्धता का सामना करने की उम्मीद है। आसन्न संकट न केवल किसानों की आजीविका के लिए खतरा है, बल्कि खाद्य सुरक्षा और खाद्य उत्पादन प्रणालियों की स्थिरता खतरे में भी है।

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