मंगल नमूना वापसी मिशन को बजट संकट का सामना करना पड़ रहा है : रिपोर्ट

नासा के महत्वाकांक्षी मार्स सैंपल रिटर्न मिशन का लक्ष्य मंगल ग्रह से पहली बार चट्टान के नमूने एकत्र करना और उन्हें पृथ्वी पर लाना है। लेकिन यह जटिल कार्यक्रम अब बजट संकट का सामना कर रहा है जिससे इसका भविष्य खतरे में पड़ गया है।

मंगल नमूना वापसी मिशन

इस मिशन का लक्ष्य रोवर्स का उपयोग करके मंगल ग्रह के चट्टान के नमूने एकत्र करना और जीवन के संकेतों का विश्लेषण करने के लिए उन्हें पृथ्वी पर वापस लाना है। इसमें मंगल ग्रह से प्रक्षेपण और मंगल के चारों ओर अंतरिक्ष यान का भ्रमण जैसी नई सुविधाएँ शामिल हैं। नमूने एकत्र करने के लिए यह मिशन मौजूदा पेरसेवेरांस रोवर पर निर्भर है।

बढ़ती लागत

नासा के एक स्वतंत्र समीक्षा पैनल ने पाया कि मूल $4.4 बिलियन का बजट अनुमान अवास्तविक था। इसने चेतावनी दी कि लागत 8-11 अरब डॉलर तक बढ़ सकती है, जिससे नासा की अन्य परियोजनाएं रद्द होने का खतरा हो सकता है।

लागत बढ़ने के कारण

अंतरिक्ष यान की ज़रूरतों को कम आंकना, ग्रह सुरक्षा जटिलताओं और आपूर्ति की कमी जैसी चुनौतियों ने लागत बढ़ा दी है। योजना में दोनों दिशाओं में अंतरग्रहीय संदूषण के खिलाफ सुरक्षा उपायों की भी अनदेखी की गई।

मिशन के भविष्य पर बहस

कुछ वैज्ञानिक बजट संकट को देखते हुए रद्द करने का आह्वान करते हैं। लेकिन समर्थक बड़ी लागत वृद्धि के बावजूद, इसकी निरंतरता को उचित ठहराने के लिए मिशन की परिवर्तनकारी वैज्ञानिक क्षमता पर जोर देते हैं।

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