धार्मिक, ऐतिहासिक और पर्यटक स्थलों पर भिखारियों के पुनर्वास के लिए राष्ट्रीय पहल : मुख्य बिंदु

केंद्र सरकार ने भिक्षावृत्ति में लगे वयस्कों और बच्चों के सर्वेक्षण और पुनर्वास के लिए भारत भर में धार्मिक, ऐतिहासिक और पर्यटन महत्व के 30 शहरों की पहचान की है । लक्ष्य 2026 तक इन स्थानों को भिक्षावृत्ति से मुक्त बनाना है। अगले दो वर्षों में और शहर जोड़े जा सकते हैं।

भिखारियों के पुनर्वास के लिए केंद्रीय योजना

30 शहरों में यह आउटरीच सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा “Support for Marginalized Individuals for Livelihood and Enterprises” (SMILE) योजना के तहत कार्यान्वित की जा रही है। सर्वेक्षण और पुनर्वास के लिए समान दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए एक राष्ट्रीय पोर्टल और मोबाइल ऐप लॉन्च किया जाएगा। यह भीख मांगने वालों को आश्रय, कौशल, शिक्षा आदि प्रदान करने में प्रगति की वास्तविक समय पर ट्रैकिंग करने में सक्षम होगा।

SMILE योजना

स्माइल योजना फरवरी 2022 में 2021-22 से 2025-26 तक 365 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ शुरू की गई थी। 

लाभार्थी: ट्रांसजेंडर समुदाय और भिक्षावृत्ति में लगे लोग

मुख्य लाभ:

  • ट्रांसजेंडर छात्रों के लिए छात्रवृत्ति
  • कौशल विकास एवं आजीविका के अवसर
  • लिंग-पुष्टि सर्जरी
  • ‘गरिमा गृह’ के माध्यम से आवास सुविधाएं
  • राज्यों में ट्रांसजेंडर सुरक्षा सेल
  • राष्ट्रीय पोर्टल और हेल्पलाइन
  • भिखारियों का सर्वेक्षण, जुटान, बचाव, आश्रय गृह और पुनर्वास

इस योजना का उद्देश्य शिक्षा, कौशल, स्वास्थ्य, सुरक्षा और मुख्यधारा में लाने जैसे विभिन्न हस्तक्षेपों के माध्यम से ट्रांसजेंडर समुदाय और भिक्षावृत्ति में लगे लोगों को व्यापक कल्याण और पुनर्वास उपाय प्रदान करना है।

भिखारी पुनर्वास के लिए चिन्हित स्थल

पहचाने गए 10 धार्मिक स्थलों में अयोध्या, कांगड़ा, ओंकारेश्वर, उज्जैन, सोमनाथ आदि शामिल हैं। शहर प्रशासन के साथ-साथ, धार्मिक ट्रस्ट और धर्मस्थलों के बोर्ड भी इन क्षेत्रों में पाए जाने वाले भिखारियों के पुनर्वास में शामिल होंगे।

भिखारियों के पुनर्वास पर केवडिया, श्रीनगर, पुदुचेरी आदि जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों और अमृतसर, उदयपुर, वारंगल आदि जैसे ऐतिहासिक शहरों में भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

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