फाइलेरिया उन्मूलन के लिए उत्तर प्रदेश ने मिशन लॉन्च किया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य से फाइलेरिया उन्मूलन के लिए एक मिशन शुरू किया है । इसके हिस्से के रूप में, सरकार 5 से 15 फरवरी, 2024 तक वार्षिक मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन अभियान चलाएगी।
फाइलेरिया क्या है?
फाइलेरिया एक बीमारी है जो मच्छर के काटने से फैलने वाले परजीवी कीड़ों से होती है। इससे अंगों और जननांगों में सूजन जैसी स्थिति हो सकती है। सरकार का लक्ष्य 2027 तक देश से इस बीमारी को खत्म करना है।
अभियान का मुख्य विवरण
- अवधि और स्थान: 15 दिवसीय अभियान यूपी के 17 जिलों को कवर करेगा। ये हैं-अमेठी, आज़मगढ़, बलिया, बांदा, बाराबंकी, बरेली, हमीरपुर, जौनपुर, जालौन, लखनऊ, पीलीभीत, शाहजहाँपुर, प्रयागराज, प्रतापगढ़, सोनभद्र, उन्नाव और वाराणसी। फिलहाल यूपी में 51 जिले फाइलेरिया से प्रभावित हैं। 10 अगस्त, 2024 से शेष जिलों को कवर करने के लिए अभियान का विस्तार किया जाएगा।
- लक्ष्य जनसंख्या : स्वास्थ्य कार्यकर्ता 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रूप से बीमार लोगों को छोड़कर सभी निवासियों को निवारक दवा देने के लिए घर-घर जाएंगे।
निवारक प्रयासों की आवश्यकता
सरकार ने लोगों से बिना लक्षण के भी दवा लेने को कहा है। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि:
- संक्रमण के बाद लक्षण दिखने में 5-15 साल लग सकते हैं
- एक बार संक्रमित होने पर, रोग अपरिवर्तनीय है और केवल प्रबंधन ही संभव है
- निवारक प्रयास अगली पीढ़ी को सुरक्षित रख सकते हैं
सरकार की प्रतिबद्धता
फाइलेरिया के मरीजों की पहचान के लिए सरकार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण दे रही है। यह राज्य में मौजूदा मरीजों के डेटा को ट्रैक और रिकॉर्ड भी कर रहा है। नियमित एमडीए अभियान चलाकर, सरकार का लक्ष्य लक्षित वर्ष तक इस बीमारी को पूरी तरह से खत्म करना है।
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