एलन मस्क की आगामी भारत यात्रा: मुख्य बिंदु
मस्क द्वारा देश में 2-3 बिलियन डॉलर के निवेश की घोषणा करने की उम्मीद है, मुख्य रूप से एक नई फैक्ट्री बनाने के लिए। यह कदम टेस्ला के दुनिया के तीसरे सबसे बड़े ऑटो बाजार में प्रवेश को चिह्नित करता है, जहां इलेक्ट्रिक कार को अपनाना अभी भी अपने शुरुआती चरण में है।
भारत का ईवी बाज़ार
भारत का इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बाजार फिलहाल छोटा है, लेकिन बढ़ रहा है, स्थानीय कार निर्माता टाटा मोटर्स इस क्षेत्र पर हावी है। 2023 में, देश में कुल कार बिक्री में ईवी की हिस्सेदारी सिर्फ 2% थी। हालांकि, भारत सरकार ने 2030 तक 30% नई कारों को ईवी बनाने का लक्ष्य रखा है, जिसका उद्देश्य स्वच्छ ऊर्जा वाहनों को अपनाने में तेज़ी लाना है।
- मार्च 2024 में, भारत ने एक नई ईवी नीति का अनावरण किया, जिसके तहत यदि कार निर्माता 500 मिलियन डॉलर का निवेश करते हैं और कारखाना स्थापित करते हैं तो आयात कर को घटाकर 15% (100% तक) कर दिया जाएगा।
- सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने को बढ़ावा देने के लिए FAME योजना जैसी प्रोत्साहन और नीतियां प्रदान करती है।
- टाटा मोटर्स वर्तमान में भारतीय ईवी बाजार पर हावी है।
- टेस्ला शोरूम स्थानों की तलाश कर रही है और उसका लक्ष्य भारत को कारें निर्यात करना है।
टेस्ला की चुनौतियाँ और भारत की ईवी नीति
- मस्क की यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब टेस्ला को अपने प्रमुख बाजारों, संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन में बिक्री में मंदी का सामना करना पड़ रहा है।
- कंपनी ने हाल ही में अपने 10% कर्मचारियों की छंटनी की भी घोषणा की है।
- वर्षों से मस्क भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए लगाए जाने वाले उच्च आयात करों का विरोध करते रहे हैं तथा नीति में बदलाव के लिए पैरवी करते रहे हैं।
- मार्च में, भारत सरकार ने एक नई ई.वी. नीति का अनावरण किया, जिसके तहत कुछ मॉडलों पर आयात कर को 100% से घटाकर 15% कर दिया गया है, बशर्ते कार निर्माता कम से कम 500 मिलियन डॉलर का निवेश करे और देश में एक कारखाना स्थापित करे।
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