मनोहर मलगांवकर, भारतीय लेखक
मनोहर मलगांवकर एक भारतीय लेखक थे। उन्होंने जीवनी और इतिहास सहित काल्पनिक और गैर-लेखन लिखा है।
मनोहर मालगांवकर का जन्म 1913 में एक शाही परिवार में हुआ था। उनकी शिक्षा बंबई विश्वविद्यालय में हुई थी। उन्होंने एक अधिकारी के रूप में मराठा लाइट इन्फैंट्री की सेवा की। वह एक बड़ा खेल शिकारी, एक सिविल सेवक और साथ ही एक खदान मालिक और एक किसान भी था। उनकी अधिकांश गतिविधियाँ भारतीय इतिहास के महत्वपूर्ण समय के दौरान थीं। उस समय की सामाजिक-ऐतिहासिक रूपरेखाएँ उनके उपन्यासों की पृष्ठभूमि बनाती हैं। उनके उपन्यास आमतौर पर एक्शन और रोमांच के होते हैं। कभी-कभी यह स्वयं के जीवन को दर्शाता है। उनका निधन 14 जून 2010 को हुआ।
मनोहर मलगांवकर के कार्य इस प्रकार हैं: “ए टेलर ऑफ टेल्स”, “डिस्टेंट ड्रम”, “कॉम्बैट ऑफ शैडोज़”, “द प्रिंसेस”, “ए बेंड इन द गंगा”, “द डेविल्स विंड” ,”छत्रपति ऑफ कोल्हापुर”,”स्पाइ इन अम्बर” ,”शालीमार”,”द गारलैंड कीपर्स”,”बैंडिकूट रन”,”कैक्टस कंट्री”,”ए टोस्ट इन वार्म वाइन” , “इन यूनिफॉर्म”, “रंबल-टंबल” और “इनसाइड गोवा”।
मनोहर मालगांवकर ने कई वर्षों तक एक साप्ताहिक कॉलम लिखा। कॉलम में कई विषयों को शामिल किया गया था, जो द स्टेट्समैन और डेक्कन हेराल्ड जैसे भारतीय समाचार पत्र में प्रकाशित हुए थे। वह संसद के लिए भी खड़े रहे।