तिरुप्पुरियालुर मंदिर, तमिलनाडु
तिरुप्पुरियालुर मंदिर, शिव के 8 वीर स्थलों में से एक है, और इसे दक्षपुरम के नाम से भी जाना जाता है। यज्ञ संहिता मूर्ति महान शिल्प कौशल की है। कावेरी नदी के दक्षिण में स्थित तेवरा स्थलम की श्रृंखला में यह 15 वां है।
किंवदंतियाँ: दक्खन और उसके अहंकार को यहाँ मिटा दिया गया था। मंदिर के टैंक को दक्ष की यज्ञ वेदी के रूप में माना जाता है। सूखे के दौरान वास्तविक वेदी तल पर दिखाई देती है। देवताओं ने यहां धाकड़ राक्षस के कारण अपने भय से छुटकारा पाया।
मंदिर: यह एक छोटा मंदिर है जिसमें एक एकल स्तोत्र है। जाटवर्मन सुंदर पंड्या और कृष्णदेवराय के काल के शिलालेख यहाँ पाए जाते हैं।
त्यौहार: कार्तिकई (वृश्चिक) के महीने में रविवार को पवित्र माना जाता है, और त्योहार की छवियों को जुलूस में ले जाया जाता है। यहां मनाए जाने वाले अन्य त्योहारों में अरुद्र दरिसनम, आदी पूरम और नवरात्रि शामिल हैं।