गुड़ी पड़वाका शाब्दिक अर्थ क्या है ?
गुड़ी का अर्थ है विजय पताका। कहा जाता है कि इसी दिन ब्रह्माजी ने सृष्टि का निर्माण किया था। चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा यानि इसी दिन से नया संवत्सर भी शुरु होता है। अत: इस तिथि को ‘नवसंवत्सर’ भी कहते हैं। इस दिन हिन्दु नववर्ष का आरम्भ होता है। युग‘ और ‘आदि‘ शब्दों की संधि से बना है ‘युगादि‘। आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में ‘उगादि‘ और महाराष्ट्र में यह पर्व ‘ग़ुड़ी पड़वा’ के रूप में मनाया जाता है |