’चेटीचंड’’ त्यौहार मनाने के पीछे कि अवधारणा बताइए
‘’चेटीचंड’’ सिंधी समुदाय का त्योहार है | भगवान झूलेलाल का जन्मोत्सव के रूप में पूरे देश में मनाया जाता है | इस त्योहार से जुड़ी हुई किवंदती है कि चूंकि सिंधी समुदाय व्यापारिक वर्ग रहा है सो ये व्यापार के लिए जब जलमार्ग से गुजरते थे लूटपाट , समुंद्री घटनाओं से बचाने के लिए यात्रा के लिए जाते समय महिलाएं वरुण देवता की स्तुति करती थीं व तरह-तरह की मन्नते मांगती थीं। चूंकि भगवान झूलेलाल जल के देवता हैं अत: यह सिंधी लोग के आराध्य देव माने जाते हैं। जब पुरुष वर्ग सकुशल घर लौट आता था तब चेटीचंड को उत्सव के रूप में मनाया जाता था।