“एसएलआर” क्या है?

जिस दर पर बैंक अपना पैसा सरकार के पास रखते है, उसे एसएलआर (statutory liquidity ratio) कहते हैं| नकदी की तरलता को नियंत्रित करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है|

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