Bonn Global Biodiversity Conclave 2022 का आयोजन किया गया
बॉन ग्लोबल बायोडायवर्सिटी कॉन्क्लेव बॉन, जर्मनी में आयोजित किया गया। यह कॉन्क्लेव मुख्य रूप से जंगली प्रजातियों के सतत उपयोग पर केंद्रित है। इस कॉन्क्लेव के दौरान “जंगली प्रजातियों के सतत उपयोग पर आकलन” रिपोर्ट जारी की गई
जंगली प्रजातियों के सतत उपयोग पर नई आकलन रिपोर्ट
- नई रिपोर्ट में जंगली प्रजातियों के विविध उपयोगों और उनसे जुड़ी प्रथाओं का विवरण शामिल है, इन प्रथाओं में शामिल हैं, लॉगिंग, मछली पकड़ना, अवलोकन करना और स्थलीय पशु उपभोग इत्यादि।
- इस रिपोर्ट में जंगली प्रजातियों के सतत उपयोग का आकलन, माप और प्रबंधन करने के लिए उपकरणों और विधियों पर भी प्रकाश डाला गया है।
- इसमें बेहतर तरीके से जंगली प्रजातियों के सतत उपयोग को नियंत्रित करने के लिए नीति विकल्पों की प्रभावशीलता के बारे में भी विचार किया गया है। ऐसी नीतियों में व्यापार और प्रोत्साहन, शासन शामिल हैं।
भारतीय नियमों पर रिपोर्ट
रिपोर्ट के लेखकों के अनुसार, भारत दुनिया भर में वन्यजीव संरक्षण पर सबसे सख्त कानूनों में से एक का पालन करता है। भारत में, किसी भी वन्यजीव की हत्या एक गैर-जमानती अपराध है। लेकिन उनका कहना है कि भारत को नियमों में संशोधन करने की आवश्यकता है क्योंकि कड़े नियम कुछ हद तक ही अच्छे होते हैं, लेकिन कमजोर समुदायों को जोखिम में डालते हैं। संवेदनशील समुदायों में आदिवासी या वन संसाधनों पर निर्भर लोग शामिल हैं।
Categories: पर्यावरण एवं पारिस्थिकी करेंट अफेयर्स
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