Bright Star-23 अभ्यास में भाग लेगी भारतीय वायुसेना

भारतीय वायु सेना (IAF) ने मिस्र में आयोजित द्विवार्षिक बहुपक्षीय त्रि-सेवा अभ्यास ब्राइट स्टार-23 में भाग लेने के लिए एक दल भेजा है, यह पहली बार है कि IAF इस अभ्यास में भाग ले रही है।

काहिरा (पश्चिम) एयर बेस पर 27 अगस्त से 16 सितंबर तक होने वाले इस अभ्यास में अमेरिका, सऊदी अरब, ग्रीस और कतर की टुकड़ियां शामिल हैं। इसका उद्देश्य संयुक्त अभियानों की योजना और कार्यान्वयन का अभ्यास करना, रणनीतिक संबंधों को बढ़ावा देना और सीमाओं के पार संबंधों को प्रोत्साहित करना है।

IAF दल में विमान, गरुड़ विशेष बल और कई स्क्वाड्रन के कर्मी शामिल हैं, साथ ही लगभग 150 भारतीय सेना कर्मियों के लिए एयरलिफ्ट सहायता भी शामिल है।

युद्धाभ्यास ब्राइट स्टार-23 में भारतीय वायु सेना की भागीदारी क्यों महत्वपूर्ण है?

अभ्यास ब्राइट स्टार-23 में भारतीय वायु सेना (IAF) की भागीदारी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पहली बार है कि भारतीय वायुसेना इस द्विवार्षिक बहुपक्षीय अभ्यास में भाग ले रही है। यह मिस्र और अन्य भाग लेने वाले देशों के साथ अपने रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने की भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह कदम रक्षा और सुरक्षा क्षेत्रों में सहयोग के महत्व पर जोर देते हुए हाल ही में भारत-मिस्र संबंधों को “रणनीतिक साझेदारी” तक बढ़ाने के अनुरूप भी है।

ब्राइट स्टार-23 अंतर्राष्ट्रीय  संबंधों में कैसे योगदान देता है?

ब्राइट स्टार-23 अभ्यास भाग लेने वाले देशों को संयुक्त अभियानों की योजना बनाने और कार्यान्वयन का अभ्यास करने के लिए एक मंच प्रदान करके अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में योगदान देता है। यह न केवल सीमाओं के पार सहयोग और बंधन को बढ़ावा देता है बल्कि भाग लेने वाले देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को आगे बढ़ाने का साधन भी प्रदान करता है। क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने और आम सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए ऐसी बातचीत महत्वपूर्ण हैं।

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