DCC ने दूरसंचार नेटवर्क में सैटेलाइट कनेक्टिविटी को मंजूरी दी

Digital Communications Commission (DCC) ने TRAI की सिफारिशों के अनुसार दूरसंचार नेटवर्क में उपग्रह कनेक्टिविटी का उपयोग करने के प्रावधान को मंजूरी दे दी है।

मुख्य बिंदु

  • दूरस्थ क्षेत्रों में सेवाएं प्रदान करने के लिए VSAT टर्मिनल के माध्यम से सैटेलाइट कनेक्टिविटी का उपयोग किया जाएगा क्योंकि वहां ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क स्थापित करना मुश्किल है।
  • DCC ने सार्वजनिक निजी भागीदारी मोड में 16 राज्यों के गांवों में ब्रॉडबैंड सेवाओं के लिए भारतनेट परियोजना शुरू करने के Request for Proposal (RFP) को भी मंजूरी दे दी है।
  • भारतनेट (BharatNet) परियोजना को 19,041 करोड़ रुपये की व्यवहार्यता अंतर निधि (viability gap funding) के साथ मंजूरी दी गई थी।

महत्व

दूरसंचार नेटवर्क में सैटेलाइट कनेक्टिविटी से दूरसंचार कंपनियों को दूरदराज के क्षेत्रों में सेवाएं प्रदान करने में मदद मिलेगी।

डिजिटल संचार आयोग (Digital Communications Commission – DCC)

DCC को पहले ‘दूरसंचार आयोग’ कहा जाता था। इसकी स्थापना भारत सरकार द्वारा 11 अप्रैल, 1989 को की गई थी। इसे दूरसंचार के कई पहलुओं से निपटने के लिए प्रशासनिक और वित्तीय शक्तियां दी गई हैं। 22 अक्टूबर, 2018 को दूरसंचार आयोग को DCC के रूप में पुन: नामित किया गया था।

DCC के सदस्य

DCC  में शामिल हैं,

  1. एक अध्यक्ष, जो दूरसंचार विभाग में भारत सरकार के सचिव हैं।
  2. चार पूर्णकालिक सदस्य अर्थात सदस्य (वित्त), सदस्य (उत्पादन), सदस्य (सेवाएं) और सदस्य (प्रौद्योगिकी)।ये सदस्य दूरसंचार विभाग में भारत सरकार के पदेन सचिव हैं।
  3. चार अंशकालिक सदस्य, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, नीति आयोग, सचिव (आर्थिक मामलों का विभाग), सचिव (औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग) और सचिव (इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय)।

DCC का कार्य

DCC प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिए नीति तैयार करने और बजट तैयार करने और इसे सरकार द्वारा अनुमोदित करने का कार्य करता है। यह दूरसंचार के सभी मामलों में सरकार की नीति को भी लागू करता है।

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