DRDO ने प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौते पर हस्ताक्षर किए

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने इलेक्ट्रॉनिक्स, लेजर प्रौद्योगिकी, लड़ाकू वाहनों, नौसेना प्रणालियों और वैमानिकी सहित डोमेन में 22 उद्योगों को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (LATOT) के लिए 23 लाइसेंसिंग समझौते सौंपे हैं।

महाराष्ट्र MSME डिफेंस एक्सपो

ये लाइसेंस पुणे में महाराष्ट्र MSME डिफेंस एक्सपो 2024 में आयोजित DRDO-उद्योग बैठक के दौरान सौंपे गए। बैठक में DRDO के अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
महाराष्ट्र सरकार द्वारा आयोजित यह एक्सपो, महाराष्ट्र में एमएसएमई, निजी कंपनियों, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) प्रयोगशालाओं और रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र इकाई (DPSU) की स्वदेशी क्षमताओं और नवाचारों को प्रदर्शित करता है।

कवर किये गये उपकरण

ये समझौते हल्के लड़ाकू विमान तेजस के लिए कार्बन/कार्बन एयरक्राफ्ट ब्रेक, 100 मीटर इन्फैंट्री फुट ब्रिज फ्लोटिंग, UBGL के लिए 40 मिमी उच्च विस्फोटक एंटी-कार्मिक (HEAP) ग्रेनेड और 70t टैंक ट्रांसपोर्टर के पूर्ण ट्रेलर के निर्माण के लिए हैं।

वे एक्सपेंडेबल मोबाइल शेल्टर सोलर हीटेड शेल्टर, NMR-सुपरकैपेसिटर, LRF (WHHTI) के साथ हैंड-हेल्ड थर्मल इमेजर के हथियारीकरण और हाई प्रेशर वॉटर मिस्ट फायर सप्रेशन सिस्टम (HP WMFSS) को भी कवर करते हैं।

इन DRDO प्रौद्योगिकियों पर आधारित उत्पाद रक्षा विनिर्माण क्षेत्र और रक्षा में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देंगे।

समर आकलन

DRDO ने नौ उद्योग भागीदारों को SAMAR (System for Advance Manufacturing Assessment and Rating) मूल्यांकन प्रमाणपत्र भी सौंपे।

SAMAR एमएसएमई सहित रक्षा विनिर्माण उद्यमों की क्षमता को मापने के लिए एक बेंचमार्क है। DRDO ने क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (QCI) के सहयोग से ‘सिस्टम फॉर एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग असेसमेंट एंड रैंकिंग (SAMAR)’ प्रमाणन विकसित किया है।

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