DRDO ने ब्रह्मोस मिसाइल (BrahMos Missile) का सफल परीक्षण किया
23 मार्च 2022 को, सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (DRDO) द्वारा सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया।
मुख्य बिंदु
- इस मिसाइल के परीक्षण को भारत के एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी और अन्य रक्षा अधिकारियों ने देखा।
- जिस मिसाइल का परीक्षण किया गया, उसने सटीक सटीकता के साथ अपने लक्ष्य को नष्ट किया।
- एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में बलों की परिचालन तैयारियों की समीक्षा करने के लिए गये थे।
मार्च के पहले सप्ताह में भारतीय नौसेना द्वारा ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल के लंबी दूरी के संस्करण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था। ब्रह्मोस के इस उन्नत संस्करण ने भी सटीक सटीकता के साथ अपने लक्ष्य को नष्ट किया था।
जनवरी में ब्रह्मोस के एक नए संस्करण का बालासोर में ओडिशा तट से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था। यह परीक्षण मिसाइल विभिन्न नए तकनीकी विकास से लैस थी।
ब्रह्मोस (BrahMos)
यह एक मिड-रेंज रैमजेट सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है जिसे भारत के DRDO और रूस के NPO Mashinostroyeniya द्वारा विकसित किया गया है। इस मिसाइल का नाम रूस और भारत की दो प्रमुख नदियों के नाम पर रखा गया है। यानी ब्रह्मपुत्र और मॉस्को। इस मिसाइल को सरफेस वॉरशिप, सबमरीन, एयरक्राफ्ट और ज़मीन से भी लॉन्च किया जा सकता है। यह दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल में से एक है।
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जय हिन्द
Very nice
Sir,it is time to go hypersonic.