DRDO ने स्वदेशी रूप से विकसित लेजर-निर्देशित ATGMs का परीक्षण किया
4 जून, 2022 को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और भारतीय सेना ने स्वदेशी रूप से विकसित लेजर-गाइडेड एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। महाराष्ट्र के के.के. रेंज में मुख्य युद्धक टैंक (MBT) अर्जुन से मिसाइलों का परीक्षण किया गया।
मुख्य बिंदु
- ATGMs ने सटीक और सफलतापूर्वक लक्ष्य को नष्ट किया।
- मिसाइलों के लिए टेलीमेट्री सिस्टम पर संतोषजनक उड़ान प्रदर्शन दर्ज किया गया।
लेजर गाइडेड ATGM
सभी स्वदेशी लेजर गाइडेड ATGM में एक अग्रानुक्रम उच्च विस्फोटक एंटी-टैंक (High Explosive Anti-Tank – HEAT) वारहेड शामिल है। यह वारहेड एक्सप्लोसिव रिएक्टिव आर्मर (Explosive Reactive Armour – ERA) संरक्षित बख्तरबंद वाहनों पराजित करने में सक्षम है। इस ATGM में मल्टी-प्लेटफॉर्म लॉन्च की क्षमता है। यह वर्तमान में एमबीटी अर्जुन की 120 मिमी राइफल गन से तकनीकी मूल्यांकन परीक्षण के दौर से गुजर रहा है।
एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM)
ATGM एक निर्देशित मिसाइल है, जिसे भारी बख्तरबंद सैन्य वाहनों को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस मिसाइल का आकार ‘शोल्डर-लॉन्च्ड वेपन्स’ से लेकर ‘लार्ज ट्राइपॉड-माउंटेड वेपन्स’ से लेकर व्हीकल और एयरक्राफ्ट माउंटेड मिसाइल सिस्टम तक होता है। कंधे से दागे जाने वाले हथियारों को अकेले सैनिक द्वारा ले जाया जा सकता है।
अर्जुन बैटल टैंक
यह तीसरी पीढ़ी का मुख्य युद्धक टैंक है, जिसे DRDO के लड़ाकू वाहन अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (Combat Vehicles Research and Development Establishment – CVRDE) द्वारा भारतीय सेना के लिए विकसित किया गया है। इसका डिजाइन 1996 में पूरा हुआ और 2004 में भारतीय सेना के साथ सेवा में प्रवेश किया।
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