DRIP-2 परियोजना क्या है?

हाल ही में विश्व बैंक ने भारत में मौजूदा बांधों के प्रदर्शन में सुधार लाने और उनकी सुरक्षा में सुधार के लिए 250 मिलियन डालर की मंजूरी दी। DRIP-2 (Dam Rehabilitation and Improvement Project) के लिए यह धनराशी आवंटित की गयी है। इस धनराशी का उपयोग भारत में 120 बांधों को मजबूत करने के लिए किया जायेगा।

मुख्य बिंदु

DRIP का अर्थ Dam Rehabilitation and Improvement Project है। इस परियोजना को विश्व बैंक से ऋण सहायता के द्वारा लागू किया जा रहा है। पहले यह परियोजना सात राज्यों कर्नाटक, झारखंड, केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, ओडिशा, उत्तराखंड और तमिलनाडु में शुरू की गई थी। इसे 2012 में लॉन्च किया गया था।

इस परियोजना में तीन मुख्य घटक हैं :

  • बांधों का पुनर्वास और सुधार
  • बांध सुरक्षा संस्थागत सुदृढ़ीकरण
  • परियोजना प्रबंधन

इस परियोजना के तहत, बांध सुरक्षा मूल्यांकन की नई तकनीकों को बढ़ावा दिया जायेगा।

बांध सुरक्षा की आवश्यकता

भारत में लगभग 80% बड़े बांध 25 साल पुराने हैं। लगभग 209 बांध 100 साल पुराने हैं। ये बांध एक ऐसे समय में बनाए गए थे जब डिजाइन प्रथाओं और सुरक्षा के मानदंडों ज्यादा बेहतर नही थे। इस प्रकार, कई बांध संकट का सामना कर रहे हैं और उनकी परिचालन दक्षता और संरचनात्मक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ध्यान देने की आवश्यकता है।

DRIP-II परियोजना

DRIP-II परियोजना के तहत बांधों की सुरक्षा में सुधार किया जायेगा। इसके अलावा, चुने गये बांधों का परिचालन प्रदर्शन भी बेहतर किया जायेगा। इस परियोजना को 2020 और 2030 के बीच लागू किया जायेगा। इस परियोजना की देखरेख केंद्रीय जल आयोग द्वारा की जायेगी। इस परियोजना का कुल बजट परिव्यय 1.5 बिलियन डालर है। इसके लिए विश्व बैंक एक बिलियन डालर प्रदान करेगा।

पृष्ठभूमि

चीन और अमेरिका के बाद बांध संचालन में विश्व स्तर पर भारत तीसरे स्थान पर है।  भारत में 5,334 बड़े बांध हैं और 411 बाँध फिलहाल निर्माणाधीन हैं। इन बांधों की कुल संग्रहण क्षमता 283 बिलियन क्यूबिक मीटर है।

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