Emissions Gap Report 2022 जारी की गई
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) द्वारा हाल ही में “Emissions Gap Report 2022-The Closing Window” शीर्षक वाली रिपोर्ट जारी की गई।
Emissions Gap Report क्या है?
Emission Gap Report वर्ष 2100 तक उत्सर्जन में कमी और वैश्विक तापमान वृद्धि को 2 डिग्री सेल्सियस से नीचे लाने के लिए आवश्यक कमी पर देशों की प्रतिबद्धता के बीच के अंतर का आकलन करती है। यह इस अंतर का विश्लेषण करती है कि 2030 में ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन कितना होने का अनुमान है। पेरिस समझौते के कार्यान्वयन पर जानकारी के लिए रिपोर्ट को वैज्ञानिक रूप से आधिकारिक स्रोत के रूप में देखा जाता है। इसे यूएनईपी कोपेनहेगन क्लाइमेट सेंटर (UNEP CCC) द्वारा वर्ष 2011 से प्रकाशित किया जा रहा है। इस रिपोर्ट का 2022 संस्करण (13वां संस्करण) हाल ही में जारी किया गया था।
प्रमुख निष्कर्ष
- इस रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि दुनिया 2015 के पेरिस समझौते के तहत निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने में असफल रही है और अगले 8 वर्षों में अभूतपूर्व स्तर तक एक तत्काल प्रणाली-व्यापी परिवर्तन और जीएचजी उत्सर्जन में कमी की सिफारिश की गई है।
- वर्तमान नीतियां 2100 तक 2.8 डिग्री सेल्सियस तापमान वृद्धि की ओर ले जाएंगी।
- पेरिस समझौते के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए 2030 तक GHG उत्सर्जन को 45 प्रतिशत तक कम किया जाना चाहिए। हालांकि, रिपोर्ट से पता चलता है कि उत्सर्जन खतरनाक और रिकॉर्ड-उच्च स्तर पर है और अभी भी बढ़ रहा है।
- नवीनतम रिपोर्ट में 6 क्षेत्रों – बिजली आपूर्ति, उद्योग, परिवहन और भवन, और खाद्य और वित्तीय प्रणालियों में उपचारात्मक कार्यों की सिफारिश की गई है।
- इसका अनुमान है कि कम कार्बन वाली अर्थव्यवस्था में वैश्विक परिवर्तन के लिए हर साल 4 से 6 ट्रिलियन अमरीकी डालर के निवेश की आवश्यकता होगी।
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