EPF बचत में कमी दर्ज की गयी : केंद्र सरकार

केंद्र सरकार के अनुसार, 2020 के बाद से लगभग 7.63 मिलियन वेतनभोगी कर्मचारियों ने अपनी सेवानिवृत्ति बचत का उपयोग कोविड-19 संकट से निपटने के लिए किया है। तब, केंद्र ने ईपीएफ ग्राहकों को अपने कर्मचारी भविष्य निधि कोष (Employees’ Provident Fund – EPF) से अधिक धन निकालने की अनुमति दी थी ताकि वे कठिनाइयों और आय की हानि से निपट सकें।

यह क्या दर्शाता है?

कोविड -19 के बीच EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) के गैर-वापसी योग्य अग्रिम (non-refundable advances) की पेशकश के प्रयासों ने लाखों लोगों की मदद की। ईपीएफ ग्राहकों ने 31 मई, 2021 तक लगभग ₹18,700 करोड़ की निकासी की थी। यह उन कठिनाइयों को भी दर्शाता है जिसका वेतनभोगी वर्ग को महामारी का सामना करना पड़ रहा है।

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO)

EPFO पूरे भारत में लोगों के लिए “पेंशन योजना” चलाने और पर्यवेक्षण के लिए जिम्मेदार सामाजिक सुरक्षा निकाय है। यह कार्यबल के लिए अनिवार्य अंशदायी भविष्य निधि, पेंशन और बीमा योजना के संचालन में केंद्रीय बोर्ड की सहायता करता है। यह देशों के बीच द्विपक्षीय सामाजिक सुरक्षा समझौतों को लागू करता है। इन योजनाओं में भारतीय श्रमिकों और देशों में अंतर्राष्ट्रीय श्रमिकों दोनों को शामिल किया गया है। केंद्रीय न्यासी बोर्ड (Central Board of Trustees – CBT) EPFO का शीर्ष निर्णय लेने वाला निकाय है। CBT कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 द्वारा स्थापित एक वैधानिक निकाय है। यह श्रम और रोजगार मंत्रालय के तहत काम करता है।

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