G-sec अधिग्रहण कार्यक्रम – G-SAP 1.0 क्या है?
भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में सरकारी प्रतिभूति अधिग्रहण कार्यक्रम (Government Security Acquisition Programme), GSAP 1.0 की घोषणा की। स कार्यक्रम के तहत, केंद्रीय बैंक 1 ट्रिलियन (या एक लाख करोड़ रुपये) मूल्य के सरकारी बॉन्ड खरीदेगा। 25,000 करोड़ रुपये की पहली खरीद 15 अप्रैल, 2021 को की जाएगी।
GSAP 1.0
- GSAP 0 बांड बाजार को और अधिक सुविधा प्रदान करेगा।इस वर्ष सरकार की उधारी बढ़ने के कारण, RBI को यह सुनिश्चित करना है कि भारतीय बाजार में कोई व्यवधान न हो।
- वित्तीय वर्ष 2021 में, भारतीय रिज़र्व बैंक ने द्वितीयक बाजार से 13 ट्रिलियन मूल्य के बांड खरीदे।
- यह कार्यक्रम रेपो रेट और दस साल की सरकारी बॉन्ड यील्ड के बीच प्रसार को कम करने में मदद करेगा।
- यह वित्त वर्ष 2022 में केंद्र और राज्यों के लिए उधार लेने की कुल लागत को कम करने में भी मदद करेगा।
GSAP के प्रभाव
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) सेंसेक्स फरवरी और मार्च, 2021 में बॉन्ड यील्ड बढ़ने के कारण गिर गया था। हालांकि, आरबीआई द्वारा मौद्रिक नीति घोषणाओं में GSAP की घोषणा के बाद, दस-वर्षीय जी-सेक बांड यील्ड में 0.6% की गिरावट आई।
बॉन्ड यील्ड बढ़ने से इक्विटी मार्केट्स में कमजोरी आई।
सरकारी प्रतिभूतियाँ (Government Securities) क्या हैं?
सरकारी प्रतिभूतियां ऋण साधन हैं जो कि भारत सरकार द्वारा धन उधार लेने के लिए जारी किए जाते हैं। यह दो प्रकार के होते हैं – शॉर्ट टर्म इंस्ट्रूमेंट्स हैं जो 91 दिनों में और लॉन्ग टर्म इंस्ट्रूमेंट्स जो 5 साल से 40 साल के बीच मैच्योर होते हैं।
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