G20 नई दिल्ली घोषणापत्र : मुख्य बिंदु

G20 शिखर सम्मेलन के दौरान अपनाया गया G20 नई दिल्ली घोषणा, विभिन्न वैश्विक मुद्दों को संबोधित करता है और G7 देशों और रूस-चीन ब्लॉक के बीच आम सहमति बनाने के प्रयासों को प्रदर्शित करता है। हालाँकि बहुत अधिक ध्यान यूक्रेन-रूस संघर्ष पर केंद्रित है, इस घोषणा में दस अध्यायों में कई विषयों को शामिल किया गया है, जिसमें सतत विकास, लैंगिक समानता, आतंकवाद विरोधी और बहुत कुछ पर जोर दिया गया है।

रूस-यूक्रेन संघर्ष पर यह घोषणापत्र क्या कहता है?

लम्बी वार्ताओं के माध्यम से तैयार किया गया रूस-यूक्रेन खंड, एक आक्रामक के रूप में रूस की निंदा करने से बचता है, लेकिन क्षेत्रीय अखंडता, संप्रभुता और बल द्वारा क्षेत्रीय विजय की अस्वीकार्यता के सिद्धांतों की पुष्टि करता है। इस दृष्टिकोण का उद्देश्य यूक्रेन में न्यायसंगत और स्थायी शांति के लिए आम सहमति बनाना है।

हासिल किए गए उद्देश्यों में बाली वार्ता को याद करना, संयुक्त राष्ट्र के नियमो का जिक्र करना और यूक्रेन में न्यायसंगत और स्थायी शांति के लिए प्रमुख सिद्धांतों पर जोर देना शामिल है।

G20 नई दिल्ली घोषणापत्र के प्रारूप में कौन से संरचनात्मक परिवर्तन पेश किए गए?

G20 नई दिल्ली घोषणापत्र ने अपनी सामग्री को अनुच्छेदों के बजाय दस अध्यायों में व्यवस्थित किया। इसकी शुरुआत एक प्रस्तावना से हुई और इसमें विषयों के आधार पर A से J लेबल वाले अध्याय शामिल थे। इस संरचनात्मक परिवर्तन ने दस्तावेज़ की अधिक संगठित और संरचित प्रस्तुति प्रदान की। इसने विभिन्न विषयों के स्पष्ट चित्रण की अनुमति दी, जिससे पाठक विभिन्न अनुभागों में अधिक कुशलता से नेविगेट कर सके।

G20 नई दिल्ली घोषणा की मुख्य बातें

घोषणा की मुख्य बातों में G20 में अफ्रीका की स्थायी सदस्यता शामिल है, जो व्यापक समावेशिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस समावेशन से अफ्रीका के साथ सहयोग गहरा होने और उसकी विकासात्मक आकांक्षाओं को पूरा करने में मदद मिलने की उम्मीद है। इस घोषणापत्र में भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान शुरू किए गए सभी सहभागिता समूहों और पहलों को भी मान्यता दी गई। यह भविष्य के G20 प्रेसीडेंसी के लिए मंच तैयार करता है, जिसमें 2024 में ब्राजील, 2025 में दक्षिण अफ्रीका और 2026 में अमेरिका शामिल है।

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