ज्ञानकोश

तिरु अणिकाका- जम्बुकेश्वर मंदिर, चोल नाडु

यह सबसे पूजनीय मंदिरों में से एक है और यह एक पंचभूत स्तम्भ है जो हवा (कालाहस्ती), जल (तिरुवन्निका), अग्नि (तिरुवन्नामलाई), पृथ्वी (कांचीपुरम) और अंतरिक्ष (चिदंबरम) के पांच तत्वों को दर्शाता है। पानी का तत्व इसके गर्भगृह में एक प्राकृतिक वसंत ऋतु का प्रतिनिधित्व करता है। किंवदंतियाँ: यहाँ चंद्रतीर्थ तालाब (कावेरी से पानी से भरा

समयापुरम मरिअम्मन मंदिर, तिरुचिरापल्ली, तमिलनाडु

देवता: मारीअम्मन, शक्ति की एक अभिव्यक्ति है – देवी माँ। स्थानीय मान्यताएँ इस देवता को छोटी चेचक और चेचक के इलाज से संबंधित हैं। किंवदंती: शिव ने काली को बनाया, जहर से उन्होंने अमृत मंथन के बाद निगल लिया, और यह फैसला किया कि वह दारुकासुरन को मारते हैं और उन्हें काली कहा जाता है।

जम्बुकेश्वर मंदिर

जम्बुकेश्वर मंदिर तमिलनाडु के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। भगवान शिव को समर्पित यह त्रिचुरपल्ली और सिरांगम के आसपास के क्षेत्र में स्थित है। यह तमिलनाडु के अनोखे मंदिरों में से एक है, जो पंचभूत स्तम्भ पर आधारित है। मंदिर प्रकृति के पांच तत्वों अर्थात् हवा, पानी, अग्नि, पृथ्वी और अंतरिक्ष को दर्शाता है।

करपाका विनायकर मंदिर, पिलायारपट्टी, तमिलनाडु

यहां की छवि रॉक कट की है। करपाका विनायक तीर्थ सबसे प्राचीन गुफा मंदिरों में से एक है। पिल्लैयारपट्टी शहर का नाम `पिलयार` के नाम पर रखा गया है – गणेश का तमिल नाम, और इस मंदिर में शिव, लिंगोद्भव और अन्य के चित्र हैं। देवता: करपाका विनायककर या देसी विनायका पिल्लईयार पीठासीन देवता हैं

श्री एकम्बरेश्वर मंदिर

कांची का सबसे प्रसिद्ध शिव मंदिर श्री एकम्बरेश्वर मंदिर है। यह मंदिर 600 ईस्वी के आसपास बनाया गया था और यहां पार्वती के लिए कोई अलग मंदिर नहीं है। एकम्बरेश्वर मंदिर की पौराणिक कथा स्टाल पुराण में कहा गया है कि जब भगवान शिव, ब्रह्माण्ड की रचना, रक्षा और संहार करने के कार्य में गहराई