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भारत में संगठन ने ‘यू.वी. ब्लास्टर’ नामक एक अल्ट्रा-वायलेट (यूवी) कीटाणुशोधन टॉवर को विकसित किया है?

उत्तर – DRDO नई दिल्ली स्थित लेजर साइंस एंड टेक्नोलॉजी सेंटर (डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन की एक प्रयोगशाला) ने गुड़गांव स्थित एक निजी फर्म के साथ मिलकर ‘यूवी ब्लास्टर’ नाम से एक अल्ट्रा वायलेट (यूवी) कीटाणुशोधन टॉवर विकसित किया है। इस उपकरण का उपयोग प्रयोगशालाओं में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, कंप्यूटर और अन्य गैजेट्स के कीटाणुशोधन

हाल ही में कश्मीरी केसर को भौगोलिक संकेत (GI) टैग दिया गया है। विश्व में केसर का सबसे बड़ा उत्पादक देश कौन सा है?

उत्तर – ईरान कश्मीर घाटी में केसर की खेती को भौगोलिक संकेत टैग प्रदान किया गया है। कश्मीरी केसर दुनिया का एकमात्र केसर है जो 1,600 मीटर की ऊंचाई पर उगाया जाता है। कश्मीरी केसर एक विश्व प्रसिद्ध मसाला है और यह पुलवामा, किश्तवाड़, बडगाम और श्रीनगर के क्षेत्रों में उगाया जाता है।

चकमा और हजोंग समुदाय, जो हाल ही में सुर्ख़ियों थे, किस भारतीय राज्य / केंद्रशासित प्रदेश में मौजूद हैं?

उत्तर – अरुणाचल प्रदेश 1 मई, 2020 को पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास मंत्रालय ने अरुणाचल प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि COVID-19 राहत कार्यक्रम में हजोंग और चकमा समुदायों को शामिल किया जाए। चकमा और हजोंग समुदाय, तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) के प्रवासी अभी भी राहत शिविरों में रह रहे हैं। वे 1964 में

हाल ही में सुर्ख़ियों में रही ‘रिबेट ऑफ़ स्टेट लेविज़ (ROSL) योजना’ को किस क्षेत्र के समर्थन के लिए लॉन्च किया गया था?

उत्तर – कपड़ा उद्योग रिबेट ऑफ़ स्टेट लेविज़ (ROSL) योजना के तहत निर्यातक केंद्र से उन सभी शुल्कों के लिए रिफंड का दावा कर सकते हैं जिसका भुगतान वे राज्य स्तर पर करते हैं। यह केवल परिधान निर्यातकों के लिए बनाया गया था। इसे पिछले साल बंद कर दिया गया था और इसे ‘रीबेट ऑफ

NSTIMS द्वारा अनुसंधान व विकास सांख्यिकी और संकेतक 2019-20 के सर्वेक्षण के अनुसार वैज्ञानिक प्रकाशनों की संख्या के मामले में भारत का रैंक क्या है?

उत्तर – तीन राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रबंधन सूचना प्रणाली (NSTMIS) ने अनुसंधान व विकास सांख्यिकी और संकेतक 2019-20 पर एक सर्वेक्षण किया है। इस सर्वेक्षण के अनुसार भारत वैज्ञानिक प्रकाशनों की संख्या के मामले में तीसरे स्थान पर है। प्रति मिलियन जनसंख्या शोधकर्ताओं की संख्या 2000 के बाद से दोगुनी हो गई है और