जीडीपी Current Affairs

2023-24 के लिए भारत की जीडीपी का पहला अग्रिम अनुमान जारी किया गया

2023-24 के लिए भारत सरकार का पहला अग्रिम अनुमान 6 जनवरी को जारी किया गया, जिसमें कहा गया है कि अर्थव्यवस्था 7.3% का विस्तार दर्ज करेगी। अनुमानों का समय और महत्व प्रत्येक वित्तीय वर्ष में जनवरी के पहले सप्ताह में प्रकाशित, अग्रिम अनुमान शुरुआती महीनों के आंकड़ों के आधार पर राष्ट्रीय आय वृद्धि के रुझान

ICRA ने भारत के जीडीपी वृद्धि पूर्वानुमान को संशोधित किया

रेटिंग एजेंसी ICRA ने हाल ही में अपने भारतीय जीडीपी विकास अनुमान को संशोधित किया है। मुख्य बिंदु  ICRA के अनुमान के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही में 7.9% की वृद्धि हुई थी। सितंबर में सरकारी खर्च में वृद्धि के परिणामस्वरूप दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि अनुमान में सुधार हुआ। पहले के अनुमान

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) ने भारत का Q4 जीडीपी डेटा जारी किया

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (Central Statistics Office – CSO) ने वित्त वर्ष 2020-21 की जनवरी-मार्च तिमाही के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के आंकड़े जारी किए। इसके अनुसार, दिसंबर तिमाही से भारतीय अर्थव्यवस्था के सकारात्मक क्षेत्र में विस्तार होने की संभावना है। मुख्य बिंदु कोविड -19 की दूसरी लहर से पहले, भारत की जीडीपी 2020-21

S&P ने वित्त वर्ष 22 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि का अनुमान घटाकर 9.8% किया

अमेरिका बेस्ड रेटिंग एजेंसी S&P ने हाल ही में 2021-22 के लिए भारत की विकास दर का अनुमान 9.8% तक घटा दिया है। मार्च 2021 में, इस एजेंसी ने भारत के लिए  11% जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया था। इस एजेंसी के अनुसार, दूसरी लहर रिकवरी को पटरी से उतार सकती है। हाल ही में

2020-21 के लिए राजकोषीय घाटे के जीडीपी के 9.5% पर रहने का अनुमान लगाया गया

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2021-22 के भाषण के दौरान कहा कि अगले वित्तीय वर्ष में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। मुख्य बिंदु वित्त मंत्री के अनुसार, 2020-21 में राजकोषीय घाटे के 5% तक बढ़ने का अनुमान है। यह इस वित्तीय वर्ष के दौरान COVID -19