लद्दाख Current Affairs

लद्दाख की चिंताओं को दूर करने के लिए उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन किया गया

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लद्दाख क्षेत्र की चिंताओं को दूर करने के लिए नियुक्त उच्चाधिकार प्राप्त समिति के पुनर्गठन को आधिकारिक तौर पर अधिसूचित कर दिया है। यह कदम जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति को रद्द करने और दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद अगस्त 2019 से क्षेत्र में लंबे समय

तेज़ी से पिघल रहा है लद्दाख का पार्काचिक ग्लेशियर (Parkachik Glacier) : रिपोर्ट

हिमालय क्षेत्र अपने विशाल ग्लेशियरों और जल स्रोत के रूप में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के कारण लंबे समय से वैज्ञानिक रुचि का विषय रहा है। हाल ही में, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी द्वारा किए गए एक अध्ययन ने लद्दाख में पार्काचिक ग्लेशियर के आसपास हिमनद झीलों के निर्माण पर प्रकाश डाला है, जिससे हिमनदों

जुले लद्दाख (Julley Ladakh) क्या है?

भारतीय नौसेना ने लद्दाख में “जुले लद्दाख” आउटरीच कार्यक्रम शुरू किया है, जिसका उद्देश्य सेवा के बारे में जागरूकता बढ़ाना और स्थानीय युवाओं और नागरिक समाज के साथ जुड़ना है। इस पहल का एक आकर्षण 5000 किमी का मोटरसाइकिल अभियान है, जिसे वीएडीएम संजय जसजीत सिंह, वाइस चीफ ऑफ नेवल स्टाफ द्वारा राष्ट्रीय युद्ध स्मारक

लद्दाख ने पैंगोंग त्सो मैराथन का गिनीज रिकॉर्ड बनाया

लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद ने हाल ही में पैंगोंग त्सो मैराथन का शुभारंभ किया। यह मैराथन भारत में अपनी तरह की पहली मैराथन है। यह जमी हुई पैंगोंग त्सो झील (Pangong Tso Lake) पर आयोजित किया गया था। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड यह मैराथन 4,350 मीटर की ऊंचाई पर आयोजित की गई थी। इसके साथ ही

याया त्सो (Yaya Tso) लद्दाख का पहला जैव विविधता विरासत स्थल होगा

याया त्सो (Yaya Tso) लद्दाख में एक झील है और इसे पक्षियों के स्वर्ग (Bird’s Paradise) के रूप में जाना जाता है। यह झील 4,820 किलोमीटर की ऊंचाई पर है। यह झील काली गर्दन वाले क्रेन के लिए एक लोकप्रिय प्रजनन स्थल है। इस झील को हाल ही में “जैव विविधता विरासत स्थल” (Biodiversity Heritage