Farmers Protest Current Affairs

30 दिसम्बर को केंद्र सरकार किसान संगठनों के साथ वार्ता करेगी

कृषि कानूनों पर गतिरोध को समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच 30 दिसम्बर को बैठक आयोजित की जायेगी। इस बैठक में न्यूनतम समर्थन मूल्य, वायु गुणवत्ता से जुड़े कानूनों और बिजली पर चर्चा की जायेगी। इससे पहले, इस सम्बन्ध में कृषि मंत्रालय ने किसान संगठनों को एक पत्र लिखा था,

किसानों के विरोध के कारण भारत को रोजाना 3,500 करोड़ का नुकसान हो रहा है : एसोचैम

हाल ही में एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) ने कहा है कि भारत को किसान के विरोध के कारण रोजाना लगभग 3,500 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। किसानों के विरोध प्रदर्शन ने आर्थिक गतिविधियों को रोक दिया है। इन विरोध प्रदर्शनों ने विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश की

चालू खरीफ विपणन सीजन के दौरान 356 लाख टन से अधिक धान की खरीद की गई : केंद्र सरकार

केंद्र सरकार ने हाल ही में स्पष्ट किया है कि चालू खरीफ विपणन सीजन के दौरान 356 लाख टन से अधिक धान की खरीद की गई है। कृषि मंत्रालय ने कहा, सरकार अपनी मौजूदा एमएसपी योजनाओं के अनुसार किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीफ फसलों की खरीद कर रही है। मुख्य बिंदु पंजाब, हरियाणा,

पगड़ी संभाल जट्टा आन्दोलन क्या है? मौजूदा किसान आन्दोलन इससे किस प्रकार जुड़ा हुआ है?

हाल ही में कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहा किसान विरोध प्रदर्शन 1907 के कृषक विरोध के समान है। उस समय किसानों ने तीन ब्रिटिश कानूनों – पंजाब भूमि उपनिवेशीकरण अधिनियम, दोआब बारी अधिनियम और पंजाब भूमि अलगाव अधिनियम का विरोध किया था। पृष्ठभूमि 1879 में, ब्रिटिश सरकार ने चेनाब नदी से लायलपुर (अब फैसलाबाद,