Farmers Protest 2020 Current Affairs

केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ केरल विधानसभा ने प्रस्ताव पारित किया

31 दिसंबर, 2020 को केरल विधानसभा ने तीन कृषि कानूनों को खत्म करने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया। इस प्रस्ताव में तीनों कानूनों को खत्म करने की मांग की गई है। मुख्य बिंदु गौरतलब है कि उत्तरी भारत के कुछ एक राज्यों विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा में किसानों द्वारा केंद्र

केंद्र सरकार ने किसानों को अगले दौर की वार्ता के लिए आमंत्रित किया

कृषि कानूनों पर गतिरोध को समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार ने हाल ही में किसानों को अगले दौर की वार्ता के लिए आमंत्रित किया है। इस वार्ता के लिए सरकार ने किसानों को एक तारिख चुनने के लिए कहा है। इस सम्बन्ध में कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने किसान संगठनों को

किसानों के विरोध के कारण भारत को रोजाना 3,500 करोड़ का नुकसान हो रहा है : एसोचैम

हाल ही में एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) ने कहा है कि भारत को किसान के विरोध के कारण रोजाना लगभग 3,500 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। किसानों के विरोध प्रदर्शन ने आर्थिक गतिविधियों को रोक दिया है। इन विरोध प्रदर्शनों ने विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश की

पगड़ी संभाल जट्टा आन्दोलन क्या है? मौजूदा किसान आन्दोलन इससे किस प्रकार जुड़ा हुआ है?

हाल ही में कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहा किसान विरोध प्रदर्शन 1907 के कृषक विरोध के समान है। उस समय किसानों ने तीन ब्रिटिश कानूनों – पंजाब भूमि उपनिवेशीकरण अधिनियम, दोआब बारी अधिनियम और पंजाब भूमि अलगाव अधिनियम का विरोध किया था। पृष्ठभूमि 1879 में, ब्रिटिश सरकार ने चेनाब नदी से लायलपुर (अब फैसलाबाद,