WPI Current Affairs

मार्च में WPI आधारित मुद्रास्फीति 14.55% पर पहुंची

बिजली की कीमतों में वृद्धि और खाद्य तेल की बढ़ती कीमतों के कारण मार्च महीने में भारत में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित मुद्रास्फीति बढ़कर 14.55% हो गई। मुख्य बिंदु  मार्च 2021 में WPI आधारित महंगाई दर 7.89% थी। मार्च 2022 में, खनिज तेल, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, और बुनियादी धातुओं की कीमतों में

नवंबर में थोक महंगाई रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंची

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में वार्षिक थोक मूल्य-आधारित मुद्रास्फीति (wholesale price-based inflation) नवंबर 2021 में रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई। मुख्य बिंदु  थोक मूल्य मुद्रास्फीति में विनिर्माण और खाद्य कीमतों में वृद्धि के कारण बदलाव आया। वार्षिक थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति नवंबर में बढ़कर 14.23% हो गई। यह अप्रैल 2005 के बाद सबसे

अक्टूबर में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) 5 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंचा

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने 15 नवंबर, 2021 को थोक मूल्य सूचकांक (WPI) पर अपना डेटा जारी किया। मुख्य बिंदु मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अनंतिम थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित मुद्रास्फीति अक्टूबर 2021 में पांच महीने के उच्च स्तर 12.54% पर पहुंच गई है, जबकि सितंबर में यह 66% दर्ज की गई थी। यह

अगस्त में WPI मुद्रास्फीति बढ़कर 11.39% हुई

खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी के बावजूद विनिर्मित वस्तुओं की ऊंची कीमतों के कारण अगस्त 2021 में थोक मूल्य-आधारित मुद्रास्फीति (WPI) मामूली बढ़कर 11.39% हो गई। मुख्य बिंदु  अगस्त में मुद्रास्फीति दो महीने (जून और जुलाई) की सहज प्रवृत्ति से उलट गई। WPI लगातार पांचवें महीने दहाई अंक में रहा। जुलाई 2021 में WPI

अप्रैल 2021 का थोक मूल्य सूचकांक (Wholesale Price Index) जारी किया गया

उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (Department for Promotion of Industry and Internal Trade – DPIIT)  ने हाल ही में अप्रैल, 2021 के महीने के लिए भारत में थोक मूल्य जारी किया। अप्रैल 2021 के महीने के लिए WPI (Wholesale Price Index) 128.1 रहा। WPI की गणना के लिए आधार वर्ष 2011-12 निर्धारित किया गया