IIT बॉम्बे की एनर्जी स्वराज यात्रा बस – मुख्य तथ्य

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने ‘एनर्जी स्वराज यात्रा’ बस में सवारी की, जिसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) बॉम्बे के प्रोफेसर डॉ. चेतन सोलंकी ने बनाया है।

मुख्य बिंदु

“एनर्जी स्वराज यात्रा” बस (Energy Swaraj Yatra) सौर ऊर्जा पर चलती है। इसमें संपूर्ण कार्य-सह-आवासीय इकाई (work-cum-residential unit) भी शामिल है। प्रोफेसर वर्ष 2020 से सौर ऊर्जा के उपयोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए इस बस में यात्रा कर रहे हैं। यह यात्रा 2030 तक जारी रहेगी। सवारी लेते समय शिक्षा मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि, यह परियोजना “राष्ट्रीय शिक्षा” के अनुरूप है। मंत्री ने यह भी कहा कि इस बस को 100 प्रतिशत सौर ऊर्जा को अपनाने के लिए एक सार्वजनिक आंदोलन बनाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है।

“एनर्जी स्वराज यात्रा” बस (Energy Swaraj Yatra Bus)

इस बस में रहने वाले को स्नान, खाना पकाने, सोने, काम करने, बैठक और प्रशिक्षण जैसी सभी दैनिक गतिविधियों को करने की अनुमति मिलती है। इस बस को 3.2 kW के सोलर पैनल से लैस किया गया है। इसमें 6 kWh की बैटरी स्टोरेज की क्षमता है।

एनर्जी स्वराज यात्रा (Energy Swaraj Yatra)

“एनर्जी स्वराज यात्रा” की अवधारणा जलवायु परिवर्तन को कम करने और ऊर्जा स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए “गांधीवादी विचारधारा” पर आधारित है। जलवायु परिवर्तन एक आपातकाल बन गया है जिसे कम करने के लिए सार्वजनिक प्रयासों की आवश्यकता है। जलवायु परिवर्तन की समस्या को हल करने के लिए और लोगों में जागरूकता लाने के लिए ऊर्जा स्वराज आंदोलन शुरू किया गया था।

डॉ. चेतन सिंह सोलंकी (Dr Chetan Singh Solanki)

डॉ. सोलंकी ने सौर ऊर्जा को अपनाने के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए वर्ष 2020 में “एनर्जी स्वराज यात्रा” मिशन (Energy Swaraj Yatra) शुरू किया है। वह IIT बॉम्बे के एक प्रोफेसर हैं, जिन्होंने वर्ष 2030 तक घर नहीं जाने का वादा किया है। 2020-2030 के दौरान उन्होंने सौर बस में रहने और यात्रा करने का संकल्प लिया है। उन्हें हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा मध्य प्रदेश के सौर ऊर्जा का ब्रांड एंबेसडर बनाया गया था।

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