IIT रुड़की और NDMA ने प्राकृतिक आपदाओं के पूर्वानुमान करने के लिए एप्प विकसित किया
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (National Disaster Management Authority – NDMA) और IIT रुड़की ने मिलकर एक एप्प विकसित किया है, जो प्राकृतिक आपदाओं का पूर्वानुमान कर सकता है।
मुख्य बिंदु
- यह एप्प संभावित प्राकृतिक आपदाओं के बारे में पहले से अलर्ट करेगा।
- उत्तराखंड कैबिनेट ने एक विशेषज्ञ समिति का भी गठन किया है जो प्रत्येक क्षेत्र में वर्षा की मात्रा के बारे में बताएगी।
- मुक्तेश्वर में डॉपलर रडार ने काम करना शुरू कर दिया है। 1-1.5 महीने के भीतर सुरकंडा देवी में भी रडार लगा दिया जाएगा।
- लैंसडाउन में तीसरा डॉपलर रडार लगाया जाएगा।
पृष्ठभूमि
इस एप्प का विकास केंद्र सरकार द्वारा 2011 के आपदा मापदंडों को सरल बनाने के प्रस्ताव के अनुरूप है।
डॉपलर रडार
डॉपलर रडार एक विशेष रडार है जो दूर की वस्तुओं के बारे में वेग डेटा उत्पन्न करने के लिए डॉपलर प्रभाव का उपयोग करता है।
डॉपलर प्रभाव (Doppler Effect)
जब स्रोत और संकेत एक दूसरे के सापेक्ष गति में होते हैं, तो प्रेक्षक आवृत्ति में परिवर्तन देखता है। यदि वे करीब आते हैं, तो आवृत्ति बढ़ जाती है। इस प्रभाव को डॉप्लर प्रभाव कहते हैं।
एक रडार क्या है?
Radar का अर्थ Radio Detection and Ranging है। यह एक ऐसा उपकरण है जो वस्तुओं की लोकेशन, रेंज और दिशा का पता लगाने के लिए माइक्रोवेव क्षेत्र में विद्युत चुम्बकीय तरंगों का उपयोग करता है।
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