Living Planet Report 2022 जारी की गई
Living Planet Report 2022 में वैश्विक वन्यजीव आबादी में भारी गिरावट पाई गई।
मुख्य बिंदु
- लिविंग प्लैनेट रिपोर्ट 2022 वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड और जूलॉजिकल सोसाइटी ऑफ लंदन का एक संयुक्त प्रयास है।
- इसके अनुसार, वर्ष 1970 और 2018 के बीच वैश्विक वन्यजीव आबादी में 69% की गिरावट आई है।
- इसका मतलब यह नहीं है कि दुनिया भर में 69 प्रतिशत व्यक्तिगत जानवरों में गिरावट आई है
- यह रिपोर्ट जानवरों की विभिन्न प्रजातियों की जनसंख्या के आकार में बदलाव का औसत देती है न कि खोए हुए जीवों की संख्या का।
- यह प्रत्येक पशु आबादी में गिरावट के सापेक्ष आकार को मापता है।
- इस रिपोर्ट ने 5,230 प्रजातियों की लगभग 32,000 आबादी का विश्लेषण किया।
- दुनिया भर में घटती वन्यजीव आबादी की एक व्यापक तस्वीर प्रदान करने के अलावा, लिविंग प्लैनेट रिपोर्ट ने जैव विविधता के नुकसान और जलवायु संकट को दो अलग-अलग मुद्दों के बजाय एक के रूप में निपटने के महत्व पर भी प्रकाश डाला। इस रिपोर्ट में पहली बार इन दोनों मुद्दों के बीच की कड़ी को उजागर किया गया था।
- इस रिपोर्ट के अनुसार, लैटिन अमेरिका और कैरिबियाई क्षेत्र, जो अमेज़न वर्षावन की मेजबानी करता है, में 1970 और 2018 के बीच 94 प्रतिशत की उच्चतम वन्यजीव गिरावट देखी गई।
- इसी अवधि के दौरान अफ्रीका ने 66 प्रतिशत की दूसरी सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की, इसके बाद प्रशांत क्षेत्र (55 प्रतिशत) का स्थान रहा।
- उत्तरी अमेरिका और यूरोप में क्रमशः 20 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की गिरावट के साथ प्रकृति में कम गिरावट दर्ज की गई।
- स्थलीय कशेरुकियों के सामने आने वाले प्रमुख खतरे जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण, कृषि, शिकार, लॉगिंग और आक्रामक प्रजातियां हैं।
- कशेरुक वन्यजीवों की आबादी में गिरावट मुख्य रूप से दुनिया के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में देखी जाती है।
- मीठे पानी की प्रजातियों की आबादी में 83 प्रतिशत की गिरावट आई है। अधिकांश प्रवासी मछली प्रजातियों को आवास में गिरावट और प्रवास में बाधाओं के खतरे का सामना करना पड़ रहा है।
- मीठे पानी के पारिस्थितिक तंत्र को मुख्य रूप से मानव आबादी की निकटता, अत्यधिक मछली पकड़ने, जल अवशोषण, प्रदूषण और जलमार्ग संपर्क के टूटने से खतरा है।
Categories: पर्यावरण एवं पारिस्थिकी करेंट अफेयर्स
Tags:Living Planet Report 2022 , UPSC CSE 2023 , World Wildlife Fund , Zoological Society of London , लिविंग प्लैनेट रिपोर्ट 2022 , वैश्विक वन्यजीव आबादी