Mynvax : भारत की संभावित गर्म वैक्सीन
भारत में, COVID-19 या SarsCov2 के खिलाफ एक संभावित टीका विकसित किया जा रहा है जिसे प्रशीतन (refrigeration) की आवश्यकता नहीं है या कोल्ड-चेन स्टोरेज (cold-chain storage) में संग्रहीत किया जाता है। पीयर-रिव्यू जर्नल ‘Viruses’ में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, चूहों के परीक्षणों में इस वैक्सीन ने वायरस के विभिन्न प्रकारों के खिलाफ एंटीबॉडी उत्पन्न की है।
मुख्य बिंदु
- यह ‘वार्म’ वैक्सीन बेंगलुरु की एक कंपनी Mynvax laboratories द्वारा विकसित किया जा रहा है, जिसे भारतीय विज्ञान संस्थान बैंगलोर में इनक्यूबेट किया गया था।
- यह एक अनूठा टीका है जिसे चार सप्ताह की अवधि के लिए 37 डिग्री सेल्सियस और 100 डिग्री सेल्सियस पर 90 मिनट तक संग्रहीत किया जा सकता है।
- बाजार में मौजूद अधिकांश अन्य टीकों को प्रशीतित करने की आवश्यकता होती है और इसे केवल कुछ घंटों के लिए कमरे के तापमान पर रखा जा सकता है।
अध्ययन
Mynvax और Commonwealth Scientific and Industrial Organisation (CSIRO), ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए संयुक्त अध्ययन में तीन ट्राइमेरिक एंटीजन-एडजुवेंट कॉम्बिनेशन में 16.5 गुना की कमी और BA.1.1 (Omicron) न्यूट्रलाइजेशन में 14.4 गुना की कमी दर्ज की गई।
वैक्सीन
इस टीके में कोरोनवायरस के स्पाइक प्रोटीन का एक हिस्सा होता है जिसे रिसेप्टर-बाइंडिंग डोमेन (RBD) के रूप में जाना जाता है जो वायरस को मेजबान की कोशिका से चिपके रहने में मदद करता है। इस टीके का विकास IISc के मॉलिक्यूलर बायोफिजिक्स यूनिट के प्रोफेसर राघवन वरदराजन ने Mynvax के सहयोग से किया है।
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